58 वर्षीय चरनजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के तीसरी बार के विधायक हैं और यह पहला मौका है, जब किसी दलित को पार्टी ने राज्य में कमान सौंपी है।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही जिस अंदाज में कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा का राग अलाप रहे हैं, उसे देखते हुए उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं।
पंजाब की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम है। कल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शाम को इस्तीफा दे दिया था। कैप्टन के इस्तीफे के बाद चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में हुई पंजाब कांग्रेस के विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को विधायक दल के नए नेता के चयन के लिए अधिकृत किया गया।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर पार्टी आलाकमान सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करता है तो फिर उनके साथ हिंदू और दलित समुदाय से दो उप मुख्यमंत्री या फिर इनमें से एक समुदाय का नेता उप मुख्यमंत्री और दूसरे समुदाय का नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
भाजपा महासचिव तरुण चुग ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस घबराई हुई है क्योंकि उसे चुनावों में हार दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि ‘‘पंजाब में कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रही है।’’
AAP प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा, कांग्रेस एक डूबता ‘टाइटेनिक’ है, जिसका न कोई नजरिया है, न कोई प्रतिबद्धता और न ही कोई प्रदर्शन।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस की इस कार्रवाई का असर हर उस पार्टी पर होगा, जो बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर है।
पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू 7 महीने तक अपना मंत्रालय नहीं संभाल सके। सिद्धू को सीएम बनाने के सवाल पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू इतना नाकाबिल है कि अपना मंत्रालय नहीं चला पाए। सिद्धू अपना मंत्रालय तक संभालने में नाकाम रहे। बाजवा के साथ सिद्धू की दोस्ती है। पंजाब के लिए सिद्धू विनाश साबित होंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दावा भी किया कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह पंजाब का बेड़ा गर्क कर देंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा की सिद्धू इतना नाकाबिल हैं कि अपना मंत्रालय नहीं चल पाए। साथ ही उन्होंने कहा," मैं सिद्धू के सीएम बनने का विरोध करूंगा।"
सिद्धू को आड़े हाथ लेते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बाजवा के साथ सिद्धू की दोस्ती राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। सिद्धू राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं। पाकिस्तान से भारत में हथियार भेजे जाते हैं। सिद्धू बाजवा, इमरान खान और पाकिस्तान के साथ हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि अब सोनिया गांधी जिसे चाहें उसे सीएम बना लें। उन्होंने कहा कि मैंने सुबह ही सोनिया गांधी को फोन कर अपने फैसले के बारे में बता दिया था। कैप्टन ने कहा कि हाईकमान को किसी और पर भरोसा है तो उसी पर भरोसा करें, मैं जा रहा हूं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कैप्टन ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी एवं नाखुशी जताई।
पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सीएम अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद यह कहना कि ‘मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं’, काफी मायने रखता है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें(कांग्रेस अध्यक्ष) जिसपर विश्वास है उसे मुख्यमंत्री बनाए।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कैप्टन ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी एवं नाखुशी जताई। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक में इस्तीफा देने के बारे में फैसला किया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी और बार-बार हो रहे ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी एवं नाखुशी जताई थी।
मोहम्मद मुस्तफा ने ट्वीट कर कहा कि साल 2017 के चुनाव में पंजाब की जनता ने कांग्रेस पार्टी को 80 विधायक दिए। विडंबना ये है कि कांग्रेस पार्टी अबतक एक अच्छा मुख्यमंत्री नहीं दे पाई है। पंजाब के दुख और दर्द को समझते हुए अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा बदला जाए।
पंजाब कांग्रेस की समस्या अब तक हल नहीं हुई है। आज पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक की बैठक होने वाली है जिसे अब सिद्धू और कैप्टेन की लड़ाई में नया मोड़ कहा जा रहा है।
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