शरीर कई प्रकार के सेल्स से बना होता है। शरीर की कोशिकाएं जरूरत के हिसाब से टूटती है और विभाजित होती है। कई बार ऐसा होता है कि इन कोशिकाओं की जरूरत नहीं होती फिर भी इनका बनना जारी रहता है। जब यही कोशिकाएं जरूरर से ज्यादा बनती है तो कैंसर का रूप ले लेती है।
बॉलीवुड की जानी मानी अदाकारा सोनाली बेंद्रे कैंसर की बीमारी से गुजर रही हैं। इस बात खुलासा उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट किया है। जानिए इस बीमारी के बारें में सबकुछ..
बॉलीवुड की जानी मानी अदाकारा सोनाली बेंद्रे कैंसर की बीमारी से गुजर रही हैं। इस बात खुलासा उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट किया है। सोनाली न्यूयॉर्क में कैंसर का चल करा रही हैं।
दिल्ली और अन्य निकटवर्ती राज्यों के निवासियों को विशेष हेल्थकेयर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने रैडियंट लाइफ केयर फाउंडेशन के साथ मिलकर 'नो कैंसर' अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत के साथ एक मोबाइल कैंसर वैन रवाना की गई।
धूम्रपान स्पष्ट रूप से एक जन-स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में युवकों और युवतियों को इस लत से बचाने के उपायों पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है। खासकर वे युवा, जो धूम्रपान के दुष्प्रभावों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील हैं।
यह स्पेशल पौधा हिमाचल प्रदेश और उत्तरांचल में पाया जाने वाला औषधि का भंडार है। इस रसीले फल का इतिहास बहुत ही पुराना है। इसका सेवन करने से कई गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, डायबिटीज से निजात मिल जाता है। जानिए इसके और फायदे...
अक्सर ये देखा जाता है कि पुरुष कुछ लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते है। वह उसे मामूली बीमारी समझ कर इग्नोर कर देते है। जिसका बाद में ये रिजल्ट निकलता है कि वह लाइलाज बीमारी बन जाती है। जानिए कुछ ऐसे लक्षणों के बारें में..
तपेदिक तथा मूत्राशय के कैंसर के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके के बारे में यह जानने के लिए अमेरिका में चिकित्सीय परीक्षणों की मंजूरी मिल गई है कि क्या यह टीका टाइप -1 मधुमेह रोग के उपचार में भी मदद कर सकता है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि मधुमेह टाइप -2 की शुरुआत अग्नाशय कैंसर का आरंभिक संकेत हो सकती है जो कैंसर के सर्वाधिक घातक रूपों में से एक है।
अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने नये अध्ययन में दावा किया है कि शरीर में विटामिन-डी की ज्यादा मात्रा मेनोपॉज के बाद होने वाले स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है।
वैज्ञानिकों ने मकड़ी के जाले के रेशे से बने ऐसे माइक्रो कैप्सूल विकसित किए हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं तक सीधे कैंसर वैक्सिन को पहुंचा सकते हैं।
पर्रिकर (62) का इस साल की शुरुआत में अग्न्याशय संबंधी बीमारी के चलते तीन महीने तक अमेरिका में इलाज चला था और वह जून में भारत लौटे थे। जानिए इस बीमारी के लक्षण और कारण...
कैंसर के बारे में आप जानते ही होंगे कि इसकी पहचान शुरुआती स्टेज में नहीं होती है। लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे शरीर में दिखने लगते हैं। आपको बता दें कि कैंसर दो प्रकार के होते हैं कैंसर रहित और बिना कैंसर वाले। ब्रेन ट्यूमर के आकार और स्थिति अलग-अलग टाइप के हो सकते हैं।
अगर ब्रेन ट्यूमर की पहचान जल्द हो जाए तो तो 90 प्रतिशत कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर का पूरी तरह से इलाज हो जाता है, बशर्ते सही तरीके से इलाज कराया जाए। ब्रेन ट्यूमर के बारे में आम लोगों में जागरूकता कायम करने के उद्देश्य से आठ जून को दुनियाभर में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
कैंसर मरीजों के मांसपेशियों में जिंक की अतिरिक्त मात्रा उनकी मांसपेशियों की ताकत कम कर सकती है और उनके मौत के जोखिम को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, काचेक्सिया को 30 फीसदी सभी तरह के कैंसर रोगियों के मौत के जिम्मेदार ठहराया जाता है।
भारत में धूम्रपान की आदतों के मौजूदा परिदृश्य और भारत में स्वास्थ्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सरकार को स्वस्थ विकल्पों के माध्यम से परिवर्तन लाने के लिए अपने सोच को विस्तारित करने की जरूरत है।
अगर आपकी नौकरी कार्यालय में बैठने के बदले बाहर दौड़-भाग करने वाली है तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। एक नए शोध में सामने आया है कि विभिन्न तरह के बाहरी व्यवसायों के दौरान नॉन मेलेनोमा त्वचा कैंसर के होने का जोखिम होता है।
आप दिनभर भरी भागदौड़ भरी लाइफ में होने वाली थकान और तनाव को दूर करने के लिए चाय का सेवन करते है। चाय की हर एक चुस्की आपके दिमाग को खोल देती है। लेकिन अगर आप तुरंत थकान और तनाव से मिजात पाना चाहते है तो ब्लू टी का सेवन करें।
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस बार इसकी मेजबानी भारत को सौंपी गई है। हर साल इस दिवस की थीम रखी जाती है। इस साल की थीम है 'बीट प्लास्टिक पॉल्शूयन'। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के बारें में हम अच्छी तरह से जानते हैं। जो कि प्रदूषण के लिए खतरनाक होती है। प्लास्टिक एक ऐसी चीज है जो कि लंबे समय कर सड़ती या गलती नहीं है।
टूथपेस्ट व हाथ धोने के साबुन सहित दूसरे उपभोक्ता उत्पादों में जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) व कवकरोधी (एंटीफंगल) ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से कोलन (बड़ी आंत) में सूजन व कैंसर पैदा हो सकता है। शोध के दौरान ट्राइक्लोसन का प्रयोग चूहों पर किया गया।
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