वैज्ञानिकों का दावा है कि मधुमेह टाइप -2 की शुरुआत अग्नाशय कैंसर का आरंभिक संकेत हो सकती है जो कैंसर के सर्वाधिक घातक रूपों में से एक है।
अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने नये अध्ययन में दावा किया है कि शरीर में विटामिन-डी की ज्यादा मात्रा मेनोपॉज के बाद होने वाले स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है।
वैज्ञानिकों ने मकड़ी के जाले के रेशे से बने ऐसे माइक्रो कैप्सूल विकसित किए हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं तक सीधे कैंसर वैक्सिन को पहुंचा सकते हैं।
पर्रिकर (62) का इस साल की शुरुआत में अग्न्याशय संबंधी बीमारी के चलते तीन महीने तक अमेरिका में इलाज चला था और वह जून में भारत लौटे थे। जानिए इस बीमारी के लक्षण और कारण...
कैंसर के बारे में आप जानते ही होंगे कि इसकी पहचान शुरुआती स्टेज में नहीं होती है। लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे शरीर में दिखने लगते हैं। आपको बता दें कि कैंसर दो प्रकार के होते हैं कैंसर रहित और बिना कैंसर वाले। ब्रेन ट्यूमर के आकार और स्थिति अलग-अलग टाइप के हो सकते हैं।
अगर ब्रेन ट्यूमर की पहचान जल्द हो जाए तो तो 90 प्रतिशत कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर का पूरी तरह से इलाज हो जाता है, बशर्ते सही तरीके से इलाज कराया जाए। ब्रेन ट्यूमर के बारे में आम लोगों में जागरूकता कायम करने के उद्देश्य से आठ जून को दुनियाभर में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
कैंसर मरीजों के मांसपेशियों में जिंक की अतिरिक्त मात्रा उनकी मांसपेशियों की ताकत कम कर सकती है और उनके मौत के जोखिम को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, काचेक्सिया को 30 फीसदी सभी तरह के कैंसर रोगियों के मौत के जिम्मेदार ठहराया जाता है।
भारत में धूम्रपान की आदतों के मौजूदा परिदृश्य और भारत में स्वास्थ्य परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सरकार को स्वस्थ विकल्पों के माध्यम से परिवर्तन लाने के लिए अपने सोच को विस्तारित करने की जरूरत है।
अगर आपकी नौकरी कार्यालय में बैठने के बदले बाहर दौड़-भाग करने वाली है तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। एक नए शोध में सामने आया है कि विभिन्न तरह के बाहरी व्यवसायों के दौरान नॉन मेलेनोमा त्वचा कैंसर के होने का जोखिम होता है।
आप दिनभर भरी भागदौड़ भरी लाइफ में होने वाली थकान और तनाव को दूर करने के लिए चाय का सेवन करते है। चाय की हर एक चुस्की आपके दिमाग को खोल देती है। लेकिन अगर आप तुरंत थकान और तनाव से मिजात पाना चाहते है तो ब्लू टी का सेवन करें।
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस बार इसकी मेजबानी भारत को सौंपी गई है। हर साल इस दिवस की थीम रखी जाती है। इस साल की थीम है 'बीट प्लास्टिक पॉल्शूयन'। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के बारें में हम अच्छी तरह से जानते हैं। जो कि प्रदूषण के लिए खतरनाक होती है। प्लास्टिक एक ऐसी चीज है जो कि लंबे समय कर सड़ती या गलती नहीं है।
टूथपेस्ट व हाथ धोने के साबुन सहित दूसरे उपभोक्ता उत्पादों में जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) व कवकरोधी (एंटीफंगल) ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से कोलन (बड़ी आंत) में सूजन व कैंसर पैदा हो सकता है। शोध के दौरान ट्राइक्लोसन का प्रयोग चूहों पर किया गया।
प्रोस्टेट कैंसर हो या किसी भी तरह का कैंसर हो इसका पता शुरुआत में नहीं चलता लेकिन जब इसका पता चलता है काफी देर हो जाती है। आज हम बात करेंगे प्रोस्टेट कैंसर की। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके शुरुआती लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं लेकिन हम इसे अक्सर इग्नोर कर देते हैं।
World No Tobacco Day 2018: धूम्रपान दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में से एक है। भारत में तम्बाकू का इस्तेमाल निवारक रोगों और मृत्यु का प्रमुख कारण है। धूम्रपान करने वालों पर 7,000 से अधिक रसायनों का असर होता है, जिनमें करीब 250 रसायन प्रामाणिक तौर हानिकारक और और करीब 69 रसायन कैंसरकारी होते हैं।
वैज्ञानिकों ने पेट में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और एंटी-ट्यूमर प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं के बीच संबंध पाया है जो लिवर कैंसर के होने की प्रक्रिया को समझने और उसके इलाज में मदद साबित हो सकता है।
वजन कम करने वाली शल्य चिकित्सा बेरियाटिक सर्जरी कराने से त्वचा कैंसर का खतरा 61 फीसदी तक कम हो जाता है। हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार त्वचा कैंसर के घातक स्तर 'मेलानोमा' का धूप में ज्यादा रहने से करीबी संबंध है।
कैंसर का खतरा को हम आसानी से कम कर सकते है। लेकिन उसके लिए सबसे पहले हमें अपने खानपान और लाइफस्टाईल में कुछ खास चीजों को शामिल करनी होगी।
हाल में हुए एक शोध में ये बात सामने आई कि पहले जन्मदिन तक अत्यंत साफ-सुथरे परिवेश में रखने से नवजात बच्चों में ल्यूकेमिया का खतरा बढ़ सकता है। यह बचपन में होने वाले कैंसर का आम प्रकार है।
चाय की पत्तियों से प्राप्त नैनोपार्टिकल्स फेफड़ों की कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते है और उनमें से 80 प्रतिशत तक को नष्ट कर सकते है। भारतीय और ब्रिटिश वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक अध्ययन में यह पाया है।
तरबूज में भरपूर मात्रा में थैमाइन, रिबोफ़्लिविन, नियासिन, विटामिन बी -6, फोलेट, पैंटोथेनिक एसिड, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जस्ता, तांबे, मैंगनीज, सेलेनियम, कोलीन, लाइकोपीन और बीटेन पाया जाता हैं। जो कि स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
संपादक की पसंद