डॉक्टर दिनेश ने बताया कि कैंसर के इलाज को किफायती बनाने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना ने अहम भूमिका निभाई है।
Causes of Cancer: डॉक्टरों का मानना है कि कैंसर होने के दो कारक हैं - एक आंतरिक और दूसरा बाह्य कारक। जिसके जरिए कैंसर के सेल हमारे शरीर में घर कर जाते हैं।
भारत में हालात ये है कि यहां 50 फीसदी कैंसर मरीजों के पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में जो लोग इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, उनकी मदद के लिए bcpbf-The Cancer Foundation सामने आया है।
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम क्या है।
कैंसर को लेकर हाल ही में एक स्टडी की गई। इस स्टडी के मुताबिक निष्किय जीवनशैली वाले लोगों को कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
अहमदाबाद कैंसर फाउंडेशन की ओर से रविवार को एक अनोखा फैशन शो आयोजित किया गया। इस फैशन शो में 25 ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर ने अपनी बेटियों और सहयोगियों के साथ डिज़ाइनर कपड़ों में रैंप वॉक किया।
पिछले 26 वर्षो में भारत में कैंसर का बोझ दोगुना से अधिक हो गया है। स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, मुंह और फेफड़े के कैंसर एक साथ देश में बीमारी के बोझ का 41 प्रतिशत हैं। रोकथाम की महत्ता पर जागरूकता पैदा करना समय की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय समेत हरियाणा में छह विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
मनीषा ने हाल में संजय दत्त की जीवनी पर आधारित फिल्म 'संजू' में काम किया है और इसके अलावा वह नेटफ्लिक्स की फिल्म 'लस्ट स्टोरीज' में भी दिखाई दी थीं।
स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यहां एक अस्पताल की तरफ से 'निडर हमेशा' अभियान के तहत रविवार को वॉकाथन आयोजित किया गया।
कैंसर कहीं भी हो सकता है लेकिन कान में होने वाले कैंसर के शुरुआती लक्षण काफी मामूली है जिसे देखकर अक्सर लोग इग्नोर ही कर देते हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन धीरे-धीरे यह भयंकर रूप ले लेती है।
इन अंगों में कैंसर वाले रोगियों मेंसे करीब आधे की 12 माह के अंदर मौत हो जाती है।“इन अंगों के कैंसर के दो तिहाई मामले के लिए तम्बाकू, सुपारी एवं मदिरा के सेवन जिम्मेदार है।
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन कई ऐसी बीमारी है जो उम्र नहीं देखती और यह किसी भी एज में हो सकती है। बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों में रहने वाली महिलाओं को यह बीमारी आसानी से अपनी गिरफ्त में ले लेती है।
कैंसर एक ऐसा खतरनाक रोग है जो पुरुषों में हो या स्त्रियों में ये दोनों के लिए खतरनाक है लेकिन हालिया रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बड़े शहरों में रहने वालों पुरुषों को एक खास तरह की कैंसर अपना शिकार बना रही है। जानिए क्यै है वह कैंसर एंव उसके लक्ष
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी (एमआईटी) के अनुसंधानकर्ताओं ने कैंसर के इलाज के लिए मशीन लर्निग की एक नई तकनीक विकसित की है, जिससे घातक मस्तिष्क कैंसर के लिए कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।
कैंसर के शुरूआती लक्षणों को अगर पहचान लिया जाये तो इसे खतरनाक स्टेज तक जाने से रोका जा सकता है। शुरुआती अवस्था में पहचान होने के बाद इसके उपचार में आसानी भी होती है और इसके कारण होने वाली मौतों को भी रोका जा सकता है।
भारतीय महिलाओं को लेकर एक हैरान करने वाली रिसर्च सामने आई है। इस रिसर्च में खुलासा हुआ है कि हर साल करीब 7 लाख कैंसर के मरीज सामने आते हैं। कैंसर को यह बात सामने आई हैं कि अगर सही समय पर इस बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि भारतीय महिलाओं में ज्यादातर इस टाइप के कैंसर होते हैं।
मशहूर फिल्म अभिनेत्री सोनीली बेंद्रे ने आज जब अपने ट्विटर हैंडर पर खुद को मेटास्टेटिक कैंसर से पीडि़त होने का खुलासा किया तो उनके प्रशंसकों से लेकर पूरी फिल्म इंडस्ट्री में गम की लहर दौड़ गई।
अगर ब्रेन ट्यूमर की पहचान जल्द हो जाए तो तो 90 प्रतिशत कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर का पूरी तरह से इलाज हो जाता है, बशर्ते सही तरीके से इलाज कराया जाए। ब्रेन ट्यूमर के बारे में आम लोगों में जागरूकता कायम करने के उद्देश्य से आठ जून को दुनियाभर में विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
कैंसर मरीजों के मांसपेशियों में जिंक की अतिरिक्त मात्रा उनकी मांसपेशियों की ताकत कम कर सकती है और उनके मौत के जोखिम को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, काचेक्सिया को 30 फीसदी सभी तरह के कैंसर रोगियों के मौत के जिम्मेदार ठहराया जाता है।
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