भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद के बीच 41 कनाडाई राजनयिकों ने भारत छोड़ दिया है। उन्हें 20 अक्टूबर तक भारत छोड़ना था। इस बात की पुष्टि कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने की है। जानिए उन्होंने और क्या कहा?
भारत-कनाडा विवाद को लेकर वाशिंगटन में विदेशमंत्री जयशंकर ने खुलकर बात की है। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों और उनकी धरती पर भारत के खिलाफ रचे जा रहे आतंकी और हिंसा के षडयंत्र का खुलासा करके कनाडा को बेनकाब कर दिया है।
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से बौखलाए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का रुख अचानक भारत के प्रति नरम पड़ने की वजह सिर्फ यूं ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे पीएम मोदी की कूटनीति का ब्रह्म फांस है। भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले ट्रूडो खुद जाल में फंस गए और अब उन्हें झुकना पड़ गया।
भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव के बीच जस्टिन ट्रूडो ने नाजी सैनिक को अपने देश की संसद में सम्मान दिए जाने के मामले को लेकर बुधवार को माफी मांगी है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत के आक्रामक हमले से लगातार तिलमिलाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जब कनाडा पर बरसना शुरू किया तो दुनिया देखती रह गई। जयशंकर ने कनाडा को खुली चुनौती देते कहा कि सुबूत है तो सामने रखो।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो संसद में भारत के खिलाफ अनर्गल बयान देने के बाद से ही घिरते जा रहे हैं। अब श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने भी कनाडा और ट्रूडो को खरी-खोटी सुनाई है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में अब एक नया दावा किया है। ट्रुडो का कहना है कि उनके देश ने एक दो हफ्ते पहले भारत को निज्जर की हत्या के सुबूत सौंपे थे। कनाडा के पीएम ने कहा कि वह भारत से सहयोग चाहते हैं। वहीं भारत ने कनाडा के दावे और आरोपों को खारिज किया है।
भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद पर पश्चिमी देश फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। वह कनाडा और भारत दोनों के साथ अपने संबंधों को बिगाड़ना नहीं चाहते। जबकि कनाडा के पीएम कई बार पश्चिमी देशों पर भारत के खिलाफ बोलने का दबाव बना चुके हैं। मगर पश्चिमी देशों ने भारत से सिर्फ जांच में सहयोग करने की बात कही है।
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो हमेशा खालिस्तान के समर्थक रहे हैं। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या मामले में उन्होंने भारत पर आरोप फाइव आईज की एक सहयोगी के दावे के आधार पर लगाया। सीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। कहा गया है कि इस संबंध में कनाडाई अधिकारी कई बार भारत आए।
वहीं इस मसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा इस ममाले में राजनीति कर रहा है और निज्जर की हत्या को लेकर अब तक उसने भारत के साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। इसके अलावा हमने वाहन रह रहे कई आतंकियों को लेकर जानकारी साझा की है लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
गार्सेटी ने कहा कि वह अन्य देशों के नेताओं को यह नहीं बताने जा रहे हैं कि क्या करना है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों, संप्रभुता के सिद्धांतों और अहस्तक्षेप को याद रखना हम सभी के लिए अनिवार्य है।’’ गार्सेटी ने अमेरिका और कनाडा के बीच घनिष्ठ संबंधों पर भी प्रकाश डाला।
जानकारों का कहना है कि भारत से बड़ी संख्या में रोजगार के लिए लोग कनाडा का रुख करते हैं। इनमें पंजाबियों की संख्या काफी अधिक है। 2018 से, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे अधिक भारत से पढ़ने जाने वाले बच्चे हैं। कनाडाई ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन का कहना है कि 2022 में, उनकी संख्या 47% बढ़कर लगभग 320,000 हो गई।
नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भी आए थे। लेकिन उन्हें विमान में तकनीकी खराबी के कारण भारत में ही दो दिन रुकना पड़ा। आखिरकार मंगलवार को वे कनाडा के लिए रवाना हो गए।
जी-20 बैठक से इतर ट्रूडो के साथ द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
शिक्षा वीजा पर पहुंचे करीब 700 इंडियन स्टूडेंट्स का ऑफर लेटर गलत या नकली पाया गया। यह मामला सामने आने के बाद फर्जी ऑफर लेटर के साथ एडमिशन पाए छात्रों को सरकार ने डिपोर्ट करने का फैसला कर लिया।
अमेरिका के बाद अब कनाडा में भी एयरस्पेस के ऊपर संदिग्ध वस्तु दिखी, जिसे कनाडा के पीएम ट्रूडो के आदेश पर अमेरिकी जेट ने मार गिराया है।
कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है कि 19वीं शताब्दी से 1970 के दशक तक संचालित सरकारी-वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण बड़े पैमाने पर हुआ था।
जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने सितंबर में दोबारा हुए चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन संसद में बहुमत साबित करने में विफल रही थी।
कनाडा की सीमा के मोंटाना मार्ग पर पिछले दो हफ्तों से ट्रकों और अन्य वाहनों की चल रही हड़ताल समाप्त हो गई है और वाहन दक्षिणी अल्बर्टा के कस्बे से चलने लगे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को मिली चुनावी सफलता पर उन्हें बुधवार को बधाई दी और कहा कि वह भारत-कनाडा संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम जारी रखने के इच्छुक हैं।
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