रिलायंस जियो ने पीओआई के मुद्दे को लेकर मौजूदा ऑपरेटरों पर फिर से आरोप लगाया है। पीओआई मसले को सुलझाने के लिए वास्तविक मंशा नहीं दिखा रहे हैं।
टेलीकॉम मंत्रीने कहा कि कॉल ड्रॉप की समस्या में कमी आई है, लेकिन उन्होंने चेताया कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को अपनी सेवाएं और बेहतर करनी होंगी
टेलीकॉम विभाग इस सेक्टर के नियामक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को अधिक दंडात्मक अधिकार देने के पक्ष में है।
RCOM ने अपने 3G और 4G ग्राहकों के लिए एक नया डेटा प्लान पेश किया। कंपनी का दावा है कि इससे मोबाइल एप से कॉल करना 95 फीसदी तक सस्ता हो जाएगा।
मोबाइल धारक इस पोर्टल के जरिए देश भर में दूरसंचार कंपनियों की कॉल गुणवत्ता, नेटवर्क कवरेज और कॉल ड्रॉप के स्तर की जांच कर सकते हैं।
Vodafone इंडिया ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि उसके नेटवर्क पर किसी भी कारण से कॉल बीच में कट गई तो कंपनी 10 मिनट का टॉकटाइम देगी।
कॉलड्राप की समस्या को लेकर आलोचना झेल रहे दूरसंचार परिचालकों ने एक साल के भीतर एक लाख नए टावर लगाने की प्रतिबद्धता जताई है।
मनोज सिन्हा ने आज कहा कि कॉल ड्रॉप को छुपाने के लिए रेडियो लिंक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाली टेलीकॉम कंपनियों को कार्रवाई का सामना करना होगा।
एयरटेल, एयरसेल व टाटा टेलीसर्विसेज के अलावा ज्यादातर दूरसंचार कंपनियां तिरूवनंतपुरम में कालड्राप संबंधी परीक्षण में खरी उतरीं।
महत्वपूर्ण माने जाने वाले कम्युनिकेशंस और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री का अब विभाजन हो गया है। मनोज सिन्हा ने टेलीकॉम मिनिस्टर का कार्यभार संभाला है।
ट्राई द्वारा अहमदाबाद शहर में कराए गए कॉल ड्रॉप टेस्ट में सभी कंपनियां तय मानकों पर विफल रहीं। हालांकि भारती एयरटेल के आंकड़े उम्मीद से काफी बेहतर रहे।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने दावा किया कि कॉल ड्राप की समस्या सुधर रही है। विभिन्न दूरसंचार कंपनियां कॉल ड्राप की समस्या से निपटने के लिए 1.24 लाख टावर लगा रही हैं।
ज्यादातर दूरसंचार ऑपरेटरों के नेटवर्क प्रदर्शन में सुधार हुआ है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज यह जानकारी दी।
ट्राई के भोपाल में स्वतंत्र अभियान परीक्षण में कॉल ड्रॉप के मानदंड पर सिर्फ एयरटेल और वोडाफोन का 2जी नेटवर्क ही खरा उतर पाया।
कॉल ड्रॉप पर लगाम के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सरकार से उसे अधिक अधिकार दिए जाने की मांग की है।
ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से रेडियो लिंक टाइमआउट तकनीक का ब्यौरा मांगेगा। इस तकनीक का इस्तेमाल कथित तौर पर कॉलड्राप को छुपाने के लिए किया जा रहा है
ट्राई की सख्ती का असर टेलीकॉम कंपनियों पर होता नजर नहीं आ रहा है। कॉल ड्रॉप के मामले में ज्यादातर ऑपरेटर गुणवत्ता के बेंचमार्क पर विफल साबित हुए हैं।
कॉल ड्रॉप की बढ़ती समस्या के बीच ट्राई ने सरकार से उसे टेलीकॉम ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने का अधिकार देने की मांग की है। कोर्ट मांग को खारिज कर चुका है।
रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि देश में कॉल ड्रॉप की स्थिति पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की नजर है।
इस टेक्नोलॉजी के तहत किसी कॉल के दौरान कनेक्शन टूटने या दूसरी तरफ से आवाज सुनाई नहीं देने की स्थिति में भी कॉल कनेक्टेड दिखती है।
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