पश्चिम बंगाल की ममता सरकार आज दोपहर दो बजे इस मामले में कोर्ट में जांच रिपोर्ट जमा करेगी। इस मामले को लेकर कोलकत्ता हाई कोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई होनी है।
चीफ जस्टिस की बेंच आज इस मामले की सुनवाई करेगी। वहीं इस मामले में अबतक अब तक कुल बीस लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
हत्या की घटना के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हुए थे और मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग उठी थी। वकील के अनुरोध पर न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने कहा कि वह अपराह्न दो बजे लिखित अर्जी के साथ पेश हों।
सीबीआई ने कहा कि ताजा मामले में आरोपी व्यक्तियों ने कथित तौर पर रिवॉल्वर, लोहे की छड़, चाकू और फावड़े से उस व्यक्ति के घर पर हमला किया और उसकी पिटाई की। एजेंसी ने बताया कि इसमें से एक आरोपी ने पीड़ित की पत्नी को भी पकड़ लिया और उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार करने का प्रयास किया।
हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति, और किसी अन्य आयोग या प्राधिकरण और राज्य को जांच को आगे बढ़ाने के लिए मामलों के रिकॉर्ड तुरंत सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बाद हत्या और बलात्कार के मामलों की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने इन मामलों की जांच के लिए 4 विशेष जांच टीमों का गठन किया था जिसमें चार संयुक्त निदेशक शामिल हैं और प्रत्येक टीम में 25 अधिकारी कर्मचारी रखे गए हैं।
बता दें कि कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने चुनाव के बाद कथित हिंसा के संबंध में अन्य आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का भी आदेश दिया।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा की जांच CBI से कराने की मांग की थी। भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि हिंसा में उसके 14 कार्यकर्ताओं की जान गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अदालत का अपमान करने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का राजनीतिक बदला लेने के लिए राज्य में चुनाव के बाद कथित हिंसा संबंधी अपनी रिपोर्ट मीडिया में लीक करने को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की बृहस्पतिवार को निंदा की।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)ने अपनी रिपोर्ट कोलकाता उच्च न्यायाल को सौंप दी है। रिपोर्ट में हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने का प्रस्ताव दिया गया है।
चुनाव बाद हिंसा पर ममता सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद की हिंसा के संबंध में सभी शिकायतों को प्राथमिकी के रूप में मानने और उन सभी व्यक्तियों को राशन और चिकित्सा उपचार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, जो घायल हो गए थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों - सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी।
नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के 2 मंत्रियों समेत टीएमसी के गिरफ्तार 4 नेताओं को कोलकाता हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दे दिया। सीबीआई स्पेशल कोर्ट की तरफ से दी गई जमानत पर कोलकाता हाईकोर्ट ने सोमवार की रात सुनवाई करते हुए रोक लगा दी है, इसके बाद अब ये चारों न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि अन्य आपराधिक गतिविधियों की जांच से पहले ‘‘वर्दीधारी अपराधियों’’ के खिलाफ कार्रवाई करना अधिक महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के दिवाली, काली पूजा, जगद्धात्री पूजा और छठ पर पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर बैन लगाने के आदेश पर मुहर लगा दी है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने वाला एकल पीठ का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया।
अदालत ने कहा कि आप कल्पना के जरिए डर को वजह नहीं बना सकते हैं। आप कल्पना के जरिए या किसी दूसरे राज्य में क्या हो रहा है उस आधार पर सांप्रदायिक हिंसा के कयास नहीं लगा सकते हैं। लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने और कहने का अधिकार होता है, ऐसे में कोई भी सरकार किसी पार्टी के बुनियादी अधिकारों पर हमला नहीं कर सकती है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कूचबिहार में होने वाली रथयात्रा को इजाजत देने का अनुरोध करने वाली भाजपा की याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित करने से बृस्पतिवार को इनकार कर दिया और पार्टी के वकीलों से शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे अदालत में अपील करने कहा।
कलकत्ता हाईकोर्ट से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। 7 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से शुरू होने वाली बीजेपी की रथयात्रा को हाईकोर्ट ने इजाजत देने से इनकार कर दिया है।
लैंगिक हिंसा के शिकार लोगों की पहुंच न्याय तक सुलभ करने के बारे में उन्होंने कहा, "महिला के पास सबसे मजबूत हथियारों में से एक सोशल मीडिया है, अगर हमे कार्यस्थल पर या घर या सड़कों पर किसी समस्या का सामना करना पड़ता है तो हम हमेशा सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं।"
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