CAG हाल में समाप्त हुई कालाधन आय घोषणा योजना (Income Disclosure Scheme) का ऑडिट कर सकता है, लेकिन वह योजना के तहत की गई घोषणाओं का ऑडिट नहीं करेगा।
सरकारी लेखा परीक्षक कैग ने केजी-डी6 गैस ब्लॉक में रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा लागत के नाम पर 1.6 अरब डॉलर ज्यादा वसूली का मामला उठाया है।
एयरो क्लब विमानों की खरीद को कर जरूरी मंजूरी न लेने और विमानों के अधिग्रहण के लिए बोली नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करने से 2.39 करोड़ रुपए का खर्च व्यर्थ रहा।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एनडीए सरकार के कार्यकाल में पिछले साल कोयला ब्लॉक की ऑनलाइन नीलामी के पहले दो दौर में खामी निकाली है।
कैग की रिपोर्ट में एलपीजी सब्सिडी बचत में खामियां पाए जाने के बाद सरकार ने कहा कि डीबीटी से वास्तव में 21,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
दूरसंचार विभाग जल्द छह दूरसंचार ऑपरेटरों को 12,500 करोड़ रुपए की मांग का नोटिस भेजेगा। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने पाया है।
कैग ने दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली साझा कंपनी डायल तथा सार्वजनिक क्षेत्र के एएआई के खातों का आडिट शुरू कर दिया है।
कुछ साल पहले छह दूरसंचार कंपनियों की ओर से अपनी कमाई को कम दिखाने पर कैग की एक रिपोर्ट की जांच कर रही एक संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि इन कंपनियों पर समय-समय पर छापा मारा जाना चाहिए।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने राज्य सरकार के जीएसपीसी के कृष्णा गोदावरी बेसिन ब्लॉक में 19,576 करोड़ रुपए के निवेश को लेकर सवाल उठाया है।
पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। राय बैंक बोर्ड ब्यूरो के पहले चेयरमैन होंगे।
कैग का कहना है कि कुल 51,527 करोड़ रुपए के कुल खर्च से जुड़े 37,569 मामलों में पैसों का इस्तेमाल कहा किया गया है इसकी सही जानकारी सरकार ने नहीं ली है।
कैग ने कहा है कि रेलवे की 400 से अधिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी से लागत में 1.07 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है।
कैग ने पीडीएस के जरिए सस्ती कीमत पर बेचे जाने वाले चावल के लिए धान की सरकारी खरीद और मिलिंग के काम में 50,000 करोड़ से अधिक की कथित घोटाले की बात कही है।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि कैग (CAG) द्वारा तीन निजी बिजली वितरण कंपनी को उपभोक्ताओं पर 8000 करोड़ रुपये का बढ़ाचढ़ा कर प्रभार लगाने के लिए अभ्यारोपित करने
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