एनसीएलएटी ने दो अगस्त को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी देने के बाद बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया था। यह फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया था।
दिग्गज एडटेक कंपनी बायजू वर्तमान में दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा 158.9 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के लिए एनसीएलएटी से संपर् किया था। जिसके बाद एनसीएलटी ने बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की थी।
एनसीएलएटी ने दो अगस्त को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी देने के बाद बायजू के खिलाफ दीवाला कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया था।
बायजूस ने अपनी पैरेंट कंपनी बायजू अल्फा के जरिए अमेरिकी लेंडर्स से 1.2 अरब डॉलर का ‘टर्म लोन बी’ (TLB) जुटाया था। TLB संस्थागत निवेशकों द्वारा जारी किया जाने वाला कर्ज है।
बायजू को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी थी। इससे पहले दो अगस्त का अपील अधिकरण का फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया था क्योंकि इसने प्रभावी रूप से संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से नियंत्रण में ला दिया था।
रवींद्रन ने कहा है कि मैं जो कह रहा हूं वह केवल एक वादा नहीं है, यह एक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास हमारे बदलाव की कहानी का समर्थन करने के लिए निवेशक तैयार हैं।
Byju's को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने दिवाला कार्यवाही बंद करने के एनसीएलटी के फैसले पर रोक लगा दी है।
बायजू एक समय भारतीय क्रिकेट टीम का टाइटल स्पॉन्सर हुआ करता था। उस डील के तहत ही बायजू ने बीसीसीआई को 158.9 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया था। जिसके बाद बीसीसीआई ने बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए एनसीएलएटी का रुख किया था।
प्रोसस उन चार निवेशक कंपनियों में शामिल है जिन्होंने बायजू के प्रबंधन और इसके 20 करोड़ डॉलर के राइट इश्यू के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया हुआ है।
एनसीएलटी ने निवेशकों द्वारा दायर मुख्य याचिका के निपटान तक मौजूदा राइट्स इश्यू के मामले में आगे बढ़ने से कंपनी को रोक दिया है।
बायजूस अपने हजारों कर्मचारियों को समय पर वेतन देने और उनके लंबित बकाए का भुगतान करने के लिए महीनों से संघर्ष कर रहा है। इसने अपने हजारों कर्मचारियों को फरवरी और मार्च का बकाया वेतन अभी तक नहीं दिया है।
बायजू क्लासेस और बायजू ट्यूशन सेंटर (बीटीसी) की पूरी कीमत पूरे साल के लिए क्रमशः 24,000 रुपये और 36,000 रुपये है।
शिक्षण प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न के संस्थापक बायजू रवींद्रन कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज संभालेंगे। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्जुन मोहन के इस्तीफे के बाद यह फैसला किया गया।
हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में कहा गया है कि देश ने दुनिया भर में यूनिकॉर्न के लिए तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होने का टैग बरकरार रखा है।
Byjus March Salary : संकटग्रस्ट एडटेक कंपनी बायजू ने अपने कर्मचारियों को मार्च की सैलरी देना शुरू कर दिया है। निचले वेतनमान वाले 25 फीसदी कर्मचारियों को पूरा पेमेंट मिलेगा।
Byju's Layoff : पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में करीब 2,500-3,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया था।
Byjus March Salary : 27 फरवरी को NCLT ने कंपनी को राइट्स इश्यू से प्राप्त राशि को एक अलग एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया और निवेशकों द्वारा दायर मुकदमे के निपटारे तक धनराशि को वापस नहीं लेने का निर्देश दिया था।
बायजू ने राइट्स इश्यू के जरिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए ईजीएम बुलाई थी। कोई भी नाराज निवेशक अपनी चिंताओं को उठाने के लिए ईजीएम में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ।
29 मार्च को ईजीएम बुलाने के फैसले का कुछ निवेशकों ने विरोध करते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ के समक्ष अर्जी लगाई है।
कंपनी पर वित्तीय कुप्रबंधन और आक्रामक मार्केटिंग के आरोप लगे जिसने कंपनी पर निगेटिव असर डाला। कंपनी के पतन में यह एक बड़ी वजह बनी। बायजू ने अधिकांश कर्मचारियों की पीएफ मनी जमा ही नहीं की है।
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