फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने खर्च को वर्गीकृत करना चाहिए। फिर उसको लेकर प्लानिंग रनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद एक नियमित खर्च होता है, जिसमें खरीदारी, यात्रा दवा, आदि शामिल होता है।
रिपोर्ट में कहा गया, हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।
लार्ज कैप म्यूचुअल फंड वे फंड हैं जो बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं, आमतौर पर वे जो निफ्टी 50 या सेंसेक्स सूचकांक का हिस्सा होते हैं। लार्ज-कैप फंडों में निवेश करने से आपको छोटी कंपनियों की तुलना में कम जोखिम के साथ स्टेबल रिटर्न मिलता है।
सरकार दो हजार स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कम संख्या में सावधानी से चुने गए स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान करके सरकार दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए गुणवत्ता से अधिक मात्रा को प्राथमिकता दे सकती है।
सरकार ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी थी दी। गन्ने का नया सत्र अक्टूबर से शुरू होता है।
एडटेक फर्म, जिसका मूल्य एक समय 20 अरब डॉलर से अधिक था और जो भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की सबसे प्रमुख कंपनी थी, को पिछले साल बड़े पैमाने पर घाटा हुआ और मूल्यांकन में लगभग 90 प्रतिशत की गिरावट आई है।
वयस्कों से अलग, बच्चों को कार्ड जारी करने के लिए किसी बायोमेट्रिक डेटा की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, यूआईडी को जनसांख्यिकीय जानकारी और उनके माता-पिता के यूआईडी से जुड़े चेहरे की तस्वीर के आधार पर इसे जारी किया जाता है।
बांड से मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। आईटी नियमों के अनुसार ब्याज भुगतान के समय टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटा जाता है।
कोलकाता की जीपीटी हेल्थकेयर में 2.6 करोड़ शेयर या 32.64 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली बनयानट्री कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। कोलकाता में 2000 में आठ बिस्तरों के अस्पताल से शुरुआत करने वाली जीपीटी हेल्थकेयर 561 बिस्तरों की कुल क्षमता के साथ विभिन्न सुविधाओं से लैस चार अस्पताल संचालित करती है।
आईटी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के अनुसार, एआई में भारत की प्रगति की कुंजी तकनीकी प्रतिभा है, न कि चिप-संचालित कंप्यूटिंग शक्ति।
एक सूत्र ने बताया कि अभी तक बायजू को राइट्स इश्यू से करीब 30 करोड़ डॉलर की कुल प्रतिबद्धता कमिटमेंट मिली है। कुछ निवेशकों ने राइट्स इश्यू का आकार बढ़ाने का भी सुझाव दिया है, लेकिन कंपनी के लिए प्राथमिकता मौजूदा इश्यू को सफलतापूर्वक बंद करना है।
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान हाइब्रिड योजनाओं से शुद्ध निकासी हुई थी। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाएं आमतौर पर इक्विटी और ऋण प्रतिभूतियों में और कभी-कभी सोने जैसी अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करती हैं।
कैपिटल के इस प्रवाह के साथ एफसीआई अपनी स्टोरेज यूनिट के आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा।
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के मुताबिक, रेल यात्राी के बैंक खाते से पैसे तभी कटेंगे जब सिस्टम रेलवे टिकट के लिए पीएनआर जनरेट कर देगा। यह सिस्टम उसी तरह है जैसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) एप्लिकेशन यूपीआई का उपयोग करके काम करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि निवेशकों के लिए सभी मार्केट-कैप सूचकांकों में अधिक चयनात्मक और बॉटम-अप होने का समय आ गया है, क्योंकि आसान और बंपर रिटर्न का दौर वित्तवर्ष 2025-26 में दोहराया नहीं जा सकता है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘व्यापार समझौते के लिए भारत-पेरू वार्ता का छठा दौर 12 से 14 फरवरी 2024 तक पेरू की राजधानी लीमा में हुई ताकि 2017 में शुरू की गई वार्ता पर प्रगति जारी रहे। 2017 में वार्ता प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा की गई थी।’
पेटीएम ने कहा कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के हिसाब से जानकारी, दस्तावेज उपलब्ध करा रही है। उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पैसा बाहर भेजने का काम नहीं करती है।
अगर अभी तक आपने इनकम टैक्स बचाने के लिए फाइनेंसिशल प्लानिंग नहीं की है तो अब देर मत कीजिए। अपनी इनकम के अनुसार योजना बनाकर सही प्रोडक्ट में निवेश कर दें।
सरकार से मिली जानकारी के अनुसार जीबीसी के माध्यम से पूर्वांचल के चंदौली में 7 हजार करोड़ से सॉलिड प्लाई प्रा. लि. इंटीग्रेटेड टाउनशिप का निर्माण करने जा रहा है। जीबीसी में इस परियोजना को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे।
इसके मुताबिक, सात प्रमुख शहरों में से दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक तेजी रही और यहां लक्जरी घरों की बिक्री में लगभग तीन गुना उछाल आया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2023 में चार करोड़ रुपये या उससे अधिक कीमत के 12,935 घरों की बिक्री हुई जबकि साल 2022 में यह संख्या 7,395 इकाई थी।
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