केंद्र सरकार शुक्रवार को संसद में स्वीकार किया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) के अमल में आने में फिलहाल थोड़ी देरी हुई है।
भारतीय रेल हादसों की वजह से बदनाम है। ऐसे में पीएम मोदी चाहते थे कि देश में जब बुलेट ट्रेन की शुरुआत हो तो उसपर किसी तरह का दाग़ ना लगे इसलिए उन्होंने बुलेट ट्रेन की ऐसी तकनीक की तलाश की जिसका इस मामले में ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। अपनी पिछली जापान यात
लंबी दूरी की गाड़ियों में हालांकि आधुनिक टक्कररोधी लिंक हाफमेन बुश (एलएचबी) कोच लगाने के निर्देश हैं, ताकि दुर्घटना के दौरान सीबीसी कपलिंग से पलटने और एक-दूसरे पर चढ़ने की गुंजाइश न रहे। लेकिन इस निर्देश का पालन हो नहीं रहा है। यह विडंबना नहीं तो क्य
जल्द ट्रेनों की रफ्तार दोगुनी बढ़ेगी। रेलवे 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले इंजन को भारत लाने जा रही है। 8 घंटे में आप पहुंच सकेंगे दिल्ली से मुंबई।
नई दिल्ली: हाई-स्पीड ट्रेन का सपना देख रहे भारत में बुलेट ट्रेन से भी तेज स्पीड की ट्रेन दौड़ सकती है। चीन, जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेनों से भी तेज होगी भारत में चलने
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