अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का शिलान्यास कल होगा। इन दोनों शहरों के बीच की 508 किलोमीटर की जो दूरी तय करने में सुपरफास्ट ट्रेन को आठ घंटे लगते थे वो फासला अब महज़ दो घंटे में पूरा हो जाएगा। 508 किलोमीटर के इस सफर में 12
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2 दिन बाद यानि 14 सितंबर को बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे
अहमदाबाद को मुंबई से जोड़नेवाले इस प्रोजेक्ट में जापान कुल लागत का 85 फीसदी रकम सॉफ्ट लोन के तौर पर देगा। इस प्रोजोक्ट की कुल अनुमानित लागत करीब 1 हजार अरब रुपये है।
देश की पहली हाइपरलूप सर्विस आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से अमरावती के बीच शुरू होगी। दोनों शहरों के बीच 1 घंटे का अंतर है, जो कि अब घटकर 5 मिनट का रह जाएगा।
हाल की रेल दुर्घटनाओं के बीच, सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना को आड़े हाथ लेते हुए शिवसेना ने आज कहा कि केन्द्र को इसके बजाय वर्तमान ट्रेनों के संचालन पर ध्यान देना चाहिए।
दिल्ली से वाराणसी के बीच 720 किलोमीटर की दूरी तय करने में 12 घंटे लगते हैं। लेकिन बुलेट ट्रेन से केवल 2 घंटे और 37 मिनट में ही यह यात्रा पूरी हो जाएगी।
इस ट्रेन का नाम फुक्सिंग रखा गया है। पेइचिंग से शंघाई तक का सफर तय करने के लिए इसने मात्र 5 घंटे 45 मिनट का समय लिया।
बुलट ट्रेन को लेकर बड़ी बाधा खत्म हो गई है। इस परियोजना के लिए बांद्रा-कुर्ला परिसर (बीकेसी) में जमीन देने के लिए महाराष्ट्र सरकार सहमत हो गयी है।
देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह ट्रेन समुद्र के नीचे से भी गुजरेगी। 7 किमी लंबा रूट तैयार जिया जाना है।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कहा कि भारत में मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन मार्ग का निर्माण कार्य 2018 में शुरू हो जाएगा।
अब Train में आप बेफ्रिक होकर यात्रा कर सकते हैं। रेलवे जल्द ही एक ऐसी सर्विस शुरू करने जा रही जिससे ट्रेन में सामान (लैपटॉप) चोरी होने का डर खत्म हो जाएगा।
आने वाले दिनों में अगर सब कुछ सही रहा तो भारत में हवाईजहाज से भी तेज यानी 1,120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चालने की योजना है।
10 सितंबर को दिल्ली-मुंबई के बीच प्रस्तावित टैल्गो ट्रेन का अंतिम परीक्षण किया जाएगा। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
भारत में हाईस्पीड टेल्गो या फिर बुलट ट्रेन अभी दूर की कौड़ी लग रही हो। लेकिन अब उससे पहले भारत में दुनिया की सबसे तेज ट्रेन का सपना जरूर पूरा हो सकता है।
भारत में भी अगले छह महीने के दौरान चीन और जापान जैसे हाई-टेक ट्रेन पटरियों पर दौड़ने लगेगी। इंडियन रेलवे ने तेजस नामक ट्रेन को शुरू करने की घोषणा की है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड ट्रेन कॉरीडोर अगले छह साल में बनकर तैयार होगा और इस ट्रेन का किराया हवाई जहाज के किराये से भी कम होगा।
भारत में बुलेट ट्रेन का सपना जल्द पूरा हो सकता है। इसकी झलक आज मथुरा और पलवल के बीच स्पेनिश डिब्बों से बनी टैल्गो ट्रेन के रफ्तार में देखने को मिली।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को बेकार तथा धन की बर्बादी करार दिया है।
दूसरी बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी के बीच चलेगी। इसके बाद दिल्ली से वाराणसी की 782 किलोमीटर की दूरी महज दो घंटे 40 मिनट में यात्री तय कर सकेंगे।
टैल्गो का दूसरा ट्रायल इसी महीने मथुरा-पलवल रेलखंड पर किया जाएगा। ट्रायल लगभग एक महीने तक चलने की उम्मीद है। 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
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