मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की धीमी रफ्तार पर कटाक्ष करते हुए उसकी तुलना बैलगाड़ी की रफ्तार से की और भारतीय रेल को गरीबों के हक में बेहतर बनाने का आह्वान किया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक और जानकारी देते हुए कहा कि मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
‘वर्ष 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न ही नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना को पूरा करना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर हाई-स्पीड कॉरिडोर की अनुमानित लागत 1,10,000 करोड़ रुपये है।
केंद्र सरकार शुक्रवार को संसद में स्वीकार किया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) के अमल में आने में फिलहाल थोड़ी देरी हुई है।
Bullet Train: अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम कर रही National High Speed Rail Corporation Ltd (NHRSCL) द्वारा तैयार की गई डीपीआर के मुताबिक, बुलेट ट्रेन दिल्ली और आगरा के बीच एक दिन में 63 फेरे, दिल्ली और लखनऊ के बीच प्रतिदिन 43 फेरे और दिल्ली और वाराणसी के बीच रोजाना 18 फेरे लगाएगी।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पुल का निर्माण आणंद और साबरमती के बीच किया जाएगा।
ऐसी अटकलें थी कि ठाणे नगर निगम द्वारा बुलेट ट्रेन के लिये 3,849 वर्ग मीटर भूमि राष्ट्रीय तीव्र गति रेल कार्पोरेशन को नहीं देने के पीछे भी मेट्रो कार शेड को लेकर जारी खींचतान ही बड़ी रही है।
चीन ने मंगलवार को अपनी सबसे तेज दौड़ने वाली मैग्लेव ट्रेन की शुरुआत की। इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 600 किलोमीटर प्रति घंटे की है। आधिकारिक मीडिया के अनुसार यह जमीन पर दौड़ने वाला सबसे तेज वाहन है।
चीन ने तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली पूरी तरह बिजली से संचालित बुलेट ट्रेन का शुक्रवार को परिचालन शुरू किया जो प्रांतीय राजधानी लहासा और नियंगची को जोड़ेगी।
प्रस्तावित मुंबई-नागपुर तीव्र गति के रेल गलियारे के लिये सुदूर संवेदी प्रौद्योगिकी लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लीडार) सर्वे शुक्रवार को शुरू हुआ।
तिब्बत में सीमावर्ती इलाकों तक बेहद कम समय में पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल कनेक्शन योजना चला रहा है, जिसका ज्यादातर फोक्स भारत से जुड़ी सीमा पर है। लहासा से जिस न्यिंगची (Nyingchi) शहर के लिए बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है, उसकी दूरी अरुणाचल प्रदेश सीमा से 50 किमी से भी कम है।
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलट ट्रेन को झटका लग सकता है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पीछे रह सकता है अगर महाराष्ट्र में अगले तीन महीने में जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाता है।
देश का सबसे महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण और राजनीति के पचड़ों में फंसता नजर आ रहा है।
देश के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट...बुलेट ट्रेन को रोकने के लिए बहुत बड़ी कोशिश चल रही है..और इस वक़्त इस प्रोजेक्ट को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने नज़र आ रही हैं
न्यू इंडिया में नई रफ्तार से दौड़ती बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। लेकिन पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की नजर टेढ़ी हो गई है। मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कांपलेक्स यानी बीकेसी की जिस जमीन पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम होना है, जहां जमीन के नीचे बुलेट ट्रेन टर्मिनल बनना है। उसी जमीन पर अब उद्धव सरकार की नजर है।
न्यू इंडिया में नई रफ्तार से दौड़ती बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। लेकिन पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की नजर टेढ़ी हो गई है।
भारत स्थित जापानी दूतावास ने भारत के लिए तैयार की गई ई5 सीरीज शिनकान्सेन (जापान के बुलेट ट्रेन) की तस्वीरें जारी की हैं।
कंपनी ने हालांकि ठेके की कीमत नहीं बताई, लेकिन उसके द्वारा बताए गए वर्गीकरण ‘मेगा कॉन्ट्रैक्ट’ के अनुसार यह ठेका 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का है।
एनएचएसआरसीएल एलएंडटी को परियोजना के तहत 237 किलोमीटर के वापी से वडोदरा के वायाडक्ट निर्माण का ठेका पहले ही दे चुकी है। इसमें चार ऊपरगामी रेलवे स्टेशन वापी, बिलमोरा, सूरत और भरूच एवं सूरत में ट्रेन डिपो का निर्माण शामिल है।
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