यूपी चुनाव के समय से ही बुलडोजर का क्रेज कुछ ज्यादा ही बढ़ा है। हाल के दिनों में बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फिर से वापसी पर जगह-जगह बुलडोजर पर चढ़कर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जश्न मनाया था। अब शादी में उपहार के रूप में लघु बुलडोजर दिए जा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर शपथ ग्रहण से पहले ही फिर से काम पर लग गया है। दरअसल, गुरुवार को गाजियाबाद में करोड़ों की अवैध संपत्ति को बुलडोजर ने जमींदोज कर दिया।
मध्य प्रदेश में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान भी योगी के रास्ते पर चल पड़े हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके समर्थक बुलडोजर बाबा कहते हैं। अब मध्य प्रदेश में शिवराज समर्थक उन्हें बुलडोजर मामा कह रहे हैं।
प्रतापगढ़ स्थित रेलवे स्टेशन पर एक महिला के साथ बलात्कार की एक घटना सामने आई थी। आरोपी घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। पुलिस आरोपी को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था।
भोपाल के हुजूर विधायक और पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने शहर भर में शिवराज को 'बुलडोजर मामा' बताते हुए पोस्टर लगवाए हैं। दरअसल बीते तीन दिनों में बलात्कारियों और अपराधियो के घरों दुकानों पर शिवराज का बुलडोजर लगातार चल रहा है।
घटना के सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद प्रशासन ने भारी सुरक्षा बल की मौजूदगी में आरेापियों के मकानों को जमींदोज कर दिया गया।
पुलिस और मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी मंगलवार सुबह मेरठ के टीवी नगर इलाके के जगन्नाथपुरी में बुलडोजर से पहुंचे और उस पार्क को खाली कराया जिस पर बद्दो और उसके आदमियों का अवैध कब्जा था।
वाराणसी के अस्सी स्थित टैटू बाबा नामक दुकान का संचालन करने वाले सुमित ने बताया कि जब से विधानसभा में भाजपा की जीत हुई, तभी से नौजवानों में टैटू का क्रेज देखने को मिल रहा है। अभी तक तकरीबन आधा दर्जन से अधिक लोगों ने टैटू बनवाया है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने खाचरियावास पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं का राम पर विश्वास नहीं है।
इन 3 हजार हथियारों में बंदूकें, पिस्टल और तमंचे शामिल थे, जिन्हें पुलिस लाइन में बुल्डोजर चलाकर नष्ट कर दिया गया।
मध्य प्रदेश सरकार और किसान दोनों के लिए प्याज ऐसी मुसीबत बन गई है जिससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो गया है। सरकारी बदइंतजामी से किसान परेशान हैं। ना तो समय पर प्याज बिक पा रहा है, ना ही वो कायदे से इस प्याज को मंडी तक पहुंचा पा रहे है।
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