प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 की पहली छमाही में, दिल्ली-एनसीआर में करीब 32,200 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री हुई। हैरानी की बात ये है कि इनमें 45 प्रतिशत से ज्यादा यूनिट्स लग्जरी सेगमेंट के थे जबकि 24 फीसदी यूनिट्स अफॉर्डेबल सेगमेंट के थे।
गाजियाबाद में तैनात दो ट्रेनी सब इंस्पेक्टर एक बिल्डर के साथ रील बनवा रहे थे। जब उनका रील सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो UP पुलिस ने बिल्डर समेत दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई किया।
विशाल अग्रवाल के वकील प्रशांत पाटिल ने इस पर कहा कि सीसीटीवी पुलिस कस्टडी में है। गाड़ी और मोबाइल फोन पहले से मौजूद हैं। अभी कस्टडी की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, अदालत ने दोनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।
उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी के मुताबिक नई पहल होम बायर्स के सशक्तीकरण और इस सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है।
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा कि क्रेडाई के सदस्यों, रेरा अधिकारियों के साथ-साथ घर खरीदारों के प्रतिनिधियों की मदद से हम यूपी रेरा कॉन्सिलिएशन फोरम में दायर किए गए लगभग 90% से 95% मामलों को हल करने में सफल रहे हैं।
गाजियाबाद में एक शख्स को पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया है क्योंकि उसने खरीदार से पैसे लेने के बावजूद उसे फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया था और रजिस्ट्री नहीं करवाई थी।
फ्लैट खरीदारों के पक्ष में रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। ऐसे में उन बिल्डरों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। अगर अब भी वे सबलीज डीड नहीं कराते, तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण ने 21 बिल्डर परियोजनाओं की लिस्ट जारी की है जिनमें 1097 फ्लैट हैं। इन परियोजनाओं के खरीदार बिल्डर के माध्यम से रजिस्ट्री करा सकते हैं।
बिल्डर के घर तलाशी के दौरान CBI की टीम को एक रिवॉल्वर, 24 कारतूस और संजीव कुमार के नाम से एक बंदूक का लाइसेंस मिला, जिसकी वैधता एक जनवरी, 2021 को समाप्त हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रवींद्र भट्ट की अगुवाई वाली बेच द्वारा यह फैसला सुनाया गया है। दरअसल कंज्यूमर फोरम के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी। इस मामले की सुनवाई के लिए दोबारा इस मामले को कंज्यूमर फोरम भेज दिया गया है।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अनुसार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 1 लाख करोड़ रुपये की 190,000 यूनिट फंसी हुई हैं।
Noida News: आरसी का पैसा नहीं देने पर प्रशासन ने बिल्डरों की संपत्ति कुर्क की थी। इसमें से करीब 270 करोड़ रुपये की संपत्ति को प्रशासन ई-नीलाम कर रहा है, जिसकी प्रक्रिया छह अक्टूबर से शुरू हुई थी।
इस साल की पहली जनवरी-जून की छमाही में दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री ढाई गुना होकर 29,101 इकाई पर पहुंच गई।
Delhi Crime: मृतक अमित गोयल पेशे से बिल्डर है और उनका ज्वाला हेरी मार्केट के विकास टावर में दूसरी फ्लोर पर दफ्तर है।
उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) जारी होने के बाद दादरी जिला प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा स्थित एक बिल्डर के कार्यालय को सील कर दिया है
श्रीनिवास रेड्डी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल राघवेंद्र रेड्डी ने वनस्थलीपुरम के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। बिल्डरों के रिश्तेदारों ने कहा कि वे एक रियल एस्टेट परियोजना का दौरा करने के बाद हैदराबाद वापस लौट रहे थे।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, हम मध्यम वर्ग के घर खरीदारों के व्यापक हित के बारे में चिंतित हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मुद्दे पर विचार करने के लिए कहा।
सरकार ने बिल्डर को तय समयसीमा यानी 29 सितंबर, 2024 तक नोएडा एयरपोर्ट के सारे काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं, तय समय सीमा पार होने पर बिल्डर को प्रतिदिन 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।
झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (झारेरा) द्वारा बनाये गये नये नियम में कहा गया है कि प्रोजेक्ट में देर होती है तो इसकी सूचना भी बिल्डर को देनी होगी। छह महीने से अधिक देर होने की स्थिति में उन्हें हर्जाना भरना होगा।
पिछले साल अक्टूबर में दायर की गई याचिका में ग्राहकों को मानसिक, शारीरिक एवं वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
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