भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर और 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किये। उन्होंने अंतरिम बजट समेत लगातार छह बार बजट पेश किए थे। स्वतंत्र भारत का पहला बजट प्रथम वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
इमामी रियल्टी के एमडी और सीईओ डॉ. नितेश कुमार ने कहा कि हमारा अनुमान है कि बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने और औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की घोषणा होगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उत्पादक क्षमता और बुनियादी ढांचे में निवेश से रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निर्यातक संगठन ने कहा कि इस खर्च में बचत के लिए शिपिंग लाइन का विकास निजी क्षेत्र को शामिल कर किया जा सकता है। इससे विदेशी शिपिंग लाइन के लिए भारतीय उद्योग खासकर SME पर अनुचित दबाव डालना भी कम हो जाएगा।
Budget 2024: इस बजट से इंश्योरेंस सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं, जिससे कि आने वाले वर्ष में तेज ग्रोथ देखने को मिले।
सरकार ने तब तर्क दिया था कि तारीख बदलने से उसे 1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नई नीतियों और बदलावों की तैयारी के लिए ज्यादा समय मिल सकेगा।
वर्तमान में भारत में स्मार्टफोन के आयातित घटकों पर शुल्क 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच है। बजट में इन टैक्स को बरकरार रखा जाना चाहिए।
बजट एक सालाना वित्तीय डिटेल है जो अनुमानित सरकारी खर्चों और सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में जमा होने वाले राजस्व की रूपरेखा बताता है।
बजट में मोदी सरकार नई हाउसिंग स्कीम का ऐलान कर सकती है। इसमें नया घर खरीदने पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी।
केंद्रीय बजट का ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया का नेतृत्व प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) और वित्त मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाहों द्वारा किया जाता है। बजट घाटे का अवलोकन करने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार से सलाह ली जाती है।
Budget 2024 Expectations: इस बजट से ईवी सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। फेम 3 और चार्जिंग इन्फ्रा पर फोकस में रह सकते हैं।
सरकार उन निवेशों की सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है जो शेयर बाजारों से जुड़े हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान और ईटीएफ।
भारत में वित्तीय वर्ष की गणना 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होती है। 1 अप्रैल से पहले बजट की संसदीय मंजूरी की जरूरत होती है। बजट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अलॉट किया जाता है।
Budget 2024 Expectations: सरकार की ओर से नई टैक्स रिजीम को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में सरकार कुछ छूट नई टैक्स रिजीम में लागू कर दे तो बड़ी संंख्या में लोग इसकी ओर आकर्षित हो सकते हैं।
एक समझदारी भरे फैसले से अगर आप हर महीने अपना खर्च करते हैं और बचाते हैं तो इससे आप मानसिक और आर्थिक तौर पर सुकून महसूस करते हैं। आपको अपनी टैक्स के बाद इनकम को तीन व्यापक कैटेगरी में अलग करना चाहिए।
नाइट फ्रैंक और नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडेको) की ज्वाइंट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र अभी जीडीपी में 7.3% का योगदान दे रहा है। ऐसे में जिस तरह से देशभर में घरों की मांग बढ़ी है, यह सेक्टर आने वाले सालों में जीडीपी में और बड़ा कंट्रीब्यूशन करेगा।
संसद का ये बजट सत्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा। इसके कुछ ही महीनों बाद देश में लोकसभा चुनाव का आयोजन किया जाना है। इस कारण बजट में बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है।
आप समझ पाएंगे कि देश का खर्च सबसे ज्यादा किस मद में होता है और किसमें सबसे कम। इससे आप यह समझ सकेंगे कि आखिर जहां से सरकार रेवेन्यू जेनरेट करती है और वह पिछले साल के बजट से उस पैसे को कहां खर्च करती है।
India Budget 2024: भारत सरकार की ओर से अब पेपरलेस बजट पेश किया जाता है। इसे आप यूनियन बजट मोबाइल ऐप पर जाकर देख सकते हैं।
लियाकत अली खान मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। उन्होंने ने ही भारत का पहला बजट पेश किया था।
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बार आम चुनाव होने के कारण पूर्ण बजट पेश नहीं होगा। फिर भी चुनावी साल में कई घोषणाएं होने की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप बजट के खास शब्दों के अर्थ पहले जान लेंगे तो बजट को समझने में आसानी होगी।
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