पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस परंपरा को बदल दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी नई सरकार का पहला बजट। यूनियन बजट स्पीच सुबह 11 बजे से शुरू होगी।
बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि तथा रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है और यह 400 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के स्तर पर बना हुआ है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले पांच वर्ष से लगातार गिरावट आ रही है।
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 (Economic Survey 2018-19) बनाया है। जानिए इनके बारे में
उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्तियों, गहनों, शेयर, मियादी जमा राशि, बैंक में जमा रकम (नकदी) पर आगामी बजट में कर लगाया जा सकता है।
संसद में आर्थिक सर्वे पेश कर दिया गया है। सर्वे के मुताबिक, 2019-2020 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी तक रह सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को छह अरब डॉलर के के कर्ज की बुधवार को मंजूरी दी।
क्या आप जानते हैं कि किस मंत्री के नाम अब तक सबसे अधिक बार आम बजट पेश करने का रिकॉर्ड है?
एक परंपरा बजट पेश करने के समय को लेकर भी थी, जो कि 2001 में तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने खत्म की थी। Y2K यानि वर्ष 2000 तक देश का आम बजट शाम 5 बजट पेश होता था।
संसद आम बजट पर आठ जुलाई से चर्चा शुरू कर सकती है। जबकि अनुदान मांगों पर मतदान 11 से 17 जुलाई के बीच हो सकता है।
सर्वे में शामिल 74 प्रतिशत लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं 58 प्रतिशत का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले ‘सुपर रिच’ लोगों पर 40 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है।
5 जुलाई 2019 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होगा। आप भी जानिए बजट से जुड़ी ये बेहद रोचक जानकारी।
सरकार को देश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिये पर्यटन, रीयल एस्टेट और कपड़ा क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना चाहिये।
बजट के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसे काफी सारे तथ्य हमारे सामने आएंगे जो देश के बदलते आर्थिक हालात बतलाते हैं।
सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष 2019-20 के शुरुआती दो महीनों में पूरे साल के बजटीय अनुमान का 52 फीसदी तक पहुंच गया। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राजकोषीय घाटा 3,66,157 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आश्वासन दिया कि देश की रक्षा तैयारियों के साथ कोई समझौता नहीं होगा और बजट इसमें बाधा नहीं बनेगा।
भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये एक विशेषज्ञ समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज में सुधार लाने और निर्यात तथा रोजगार सृजन की गति तेज करने पर जोर दिया है।
आम बजट 2019-20 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग की बैठक में बड़े अर्थशास्त्रियों और अलग-अलग सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
संपादक की पसंद