वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को अपने वादे का ‘अलग हटके’ बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें महामारी से पीड़ित आम आदमी को राहत दी जायेगी।
बजट सत्र में 'क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' पेश किया जाएगा। इससे बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध लगाने और रिजर्व बैंक की ओर से आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सीपीएसई की अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 17,957 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पूरे वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए राहत कदमों की श्रंखला के ऐलान के बाद अब वित्त मंत्री के पास एक अवसर है कि वो एक आर्थिक रूपरेखा, पेश करें जिसमें मुसीबत में फंसे क्षेत्रों को मजूबती और बढ़ते हुए क्षेत्रों को प्रोत्साहन दोनो ही हों, साथ ही आम लोगों की उम्मीदों का भी ख्याल रखा जाए।
27 जनवरी बुधवार को लोकसभा सचिवालय ने एक बयान के जरिए बताया था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शुक्रवार को निचले सदन के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बजट सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने को लेकर बैठक करेंगे। लोकसभा सचिवालय के एक बयान अनुसार, "लोकसभा में दलों के नेताओं के साथ स्पीकर की बैठक शुक्रवार 29 जनवरी को होगी।"
वित्त मंत्री पहली फरवरी को बजट पेश करेंगी। इस साल महामारी के असर को देखते हुए कारोबारी जगत की नजर इस बजट पर है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि ये बजट अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2021-22 का आम बजट पेश करने वाली हैं। कोरोना संकट के बाद आई मंदी से अर्थव्यवस्था निकलने की कोशिश कर रही है। ऐसे में सभी सेक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार बजट में ऐसे ऐलान करेगी जिससे विकास को गति मिले।
सेक्टर के मुताबिक स्वास्थ्य सेवा ढांचे में निवेश बढ़ाने, स्वाथ्यकर्मियों के कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम, मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने, प्रभावी पीपीपी मॉडल और स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
वैश्विक मांग में भारत के निर्यात का हिस्सा 0.5 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में इस क्षेत्र में काफी अवसर हैं। इस क्षेत्र में अभी चीन और वियतनाम जैसे देशों का दबदबा है। भारत का खिलौना निर्यात करीब 10 करोड़ डॉलर पर सीमित है।
इस बार 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाला केंद्रीय बजट 2021-22 पूरी तरह से डिजिटल होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा शनिवार को नॉर्थ ब्लॉक में परंपरागत तरीके से हलवा सेरेमनी के साथ बजट दस्तावेजों के संकलन की प्रक्रिया शुरू हो गयी।
कंपनियों के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी से लक्जरी वाहनों का सेग्मेंट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कंपनियों ने आशंका जताई है कि लक्जरी कारों पर यदि करों में बढ़ोतरी होती है, तो इससे मांग प्रभावित होगी और सेग्मेंट कोरोना संकट से बाहर नही निकल सकेगा।
संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और 2 भागों में 8 अप्रैल तक चलेगा। पहला भाग 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं दूसरा भाग आठ मार्च से आठ अप्रैल तक आयोजित होगा।
आवास ऋण के ब्याज पर कटौती की मौजूदा दो लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख करने, सस्ते घरों के लिए मूल्य के 90 प्रतिशत तक कर्ज की सुविधा देने और किराये के मकानों के प्रोत्साहन के लिए किराया आय पर कर कटौती जैसे सुझाव
कोविड-19 के कारण वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट का कागजों पर प्रकाशन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सभी सांसदों को बजट दस्तावेज तथा आर्थिक समीक्षा इलेक्ट्रॉनिक रूप में दी जायेगी।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के देश भर में लगभग 20 हजार सदस्य हैं। संगठन ने रियल एस्टेट निवेश न्यास (रीट) में निवेश को बढ़ावा देने के लिये कर प्रोत्साहन की भी सिफारिश की।
कृषि राज्यमंत्री के मुताबिक केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए व्यापक योजनाएं लागू की हैं, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। नए कानून इसी दिशा में है अगर किसानों को कोई आपत्ति है तो सरकार उनसे बात कर संशोधन के लिए तैयार हैं।
संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति की सिफारिश के मुताबिक बजट सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि सत्र का दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक जारी रहेगा।
उद्योग जगत ने एंथ्रेसाइट कोयला पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत को घटाकर शून्य करने का सुझाव दिया है। साथ ही मेटालर्जिकल कोक के लिये आयात शुल्क मौजूदा 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।
वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी बयान में कहा गया है कि बजट से पहले नौ समूहों में शामिल 170 एक्सपर्ट्स, अर्थशास्त्रियों और कारोबारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 15 वर्चुअल बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों में बजट को लेकर कई अहम सुझाव मिले हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट-पूर्व बैठकों का आयोजन 14 दिसंबर से 23 दिसंबर के दौरान किया। यह पहला मौका है जबकि कोविड-19 संकट की वजह से बजट-पूर्व बैठकों का आयोजन वर्चुअल तरीके से हुआ है।
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