बीते सालों में कोविड की वजह से सबसे ज्यादा शैक्षणिक जगत प्रभावित हुआ है, जहां स्कूल बंद होने से शिक्षक, छात्र, संस्थान आदि बुरी तरह प्रभावित हुये हैं। दूसरी ओर 1 फरवरी, 2023 को आगामी बजट प्रस्तुत किया जा रहा है, जहां शिक्षा जगत की उम्मीदें टिकी हुई हैं।
बजट- 2023 जल्द ही आने वाला है, वहीं कृषि क्षेत्र को इस बजट से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। बता दें कि पूर्ववत में सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था, जिसको पूरा करने के लिये सरकार की ओर बेहतर कदम भी उठाये गये थे। इसके साथ ही बीते सालों की अपेक्षा सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिये आवंटन को भी बढ़ाया है,
कोरोना की महामारी के चलते देश के हेल्थ सिस्टम पर पड़े दबाव ने हेल्थकेयर इंडस्ट्री की कमजोरी को उजागर किया है। ऐसे में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए साल 2023-24 का बजट बहुत खास माना जा रहा है।
2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होने के कारण इस बार उम्मीद है कि सरकार नौकरीपेशा को बड़ी खुशखबरी देगी।
Budget 2023 में न्यू ऐज रोलिंग स्टॉक के अलावा 100 विस्टाडोम कोच बनाने का प्लान और प्रीमियर ट्रेनों के 1,000 कोचो का नवीनीकरण को भी प्रोग्राम में किया जा सकता है शामिल ।
इस बार का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है और इसके 6 अप्रैल तक चलने की संभावना है। बजट सत्र के दौरान 14 फरवरी से लेकर 12 मार्च तक अवकाश रहेगा।
इस बार अलग-अलग सेक्टर को केंद्रीय बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं। अलग-अलग सेक्टर अपने ग्रोथ और विकास के लिए वित्त मंत्री से नए ऐलान की उम्मीदें लगाए हुए हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज का मानना है कि बजट में पावर सेक्टर पर पूरा जोर दिया जाएगा। इसका फायदा पावर फाइनसेंस कॉरपोरेशन को होगा।
बीएसई सेंसेक्स ने 2017 और 2018 के केंद्रीय बजट से पहले के महीने में अच्छा प्रदर्शन किया, आंकड़ों के अनुसार 5.7 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत की बढ़त हासिल की।
भारतीय संसदीय परंपरा के अनुसार हर साल देश का वित्तमंत्री बजट दस्तावेजों को पढ़कर सदन के सामने पेश करता है। इससे पहले एक सेरेमनी रखी जाती है, जिससे हलवा सेरेमनी करते हैं। उसकी कई खासियतें हैं। आइए जानते हैं।
अब रेल बजट आने से ठीक पहले वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संघठन एक बार फिर अपनी मांग को दोहराने लगे हैं।
वर्तमान समय में एक कारोबारी पहचान हासिल करने के लिये कई तरह के कागजों की जरुरत पड़ती है, जहां एक व्यापारी की पहचान राज्य स्तर से लेकर केंद्र स्तर तक अलग अलग हो जाती है। बता दें कि एक कारोबारी को आज के समय में करदाता पहचान संख्या, कारपोरेट पहचान संख्या, कर कटौती पहचान संख्या आदि को हासिल करना पड़ता है।
आजाद भारत का पहला बजट तात्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, लेकिन सबसे अधिक बार पेश करने का मौका इंदिरा गांधी के करीबी रहे एक वित्त मंत्री को मिला था।
लियाकत अली ख़ान मोहम्मद अली जिन्ना के क़रीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। बजट से जुड़ी रोचक कहानी यहां पढ़ें।
सेविंग कितना जरूरी है यह हमें तब समझ आता है जब कोई मुश्किल आर्थिक परिस्थिति सामने आ जाती है। इसीलिए पहले से ही सेविंग के लिए बजट पर कंट्रोल करना चाहिए। आइए आज की स्टोरी में इसके 5 तरीकों के बारे में जानते हैं।
अगले साल फरवरी में पेश होने वाले बजट-23 को लेकर अभी से ही बैठक शुरू हो गई है। अलग-अलग डिपार्टमेंट के तरफ से बजट में होने वाले बदलाव को लेकर सुझाव दिए जा रहे हैं। इसी बीच एक मांग 80C के तहत मिलने वाली छूट लिमिट को लेकर भी की गई है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
दुनिया भर में तो पहले से ही लैपटॉप की मांग बहुत थी लेकिन अब वर्क फ्रॉम होम के चलते भारत में भी इसकी जरूरत और मांग दोनों ही बढ़ी है।
अगले साल पेश होने वाले बजट को लेकर बैठक शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अलग-अलग राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक कर चुकी हैं। इसी बीच श्रमिक संगठनों ने बजट के ऑनलाइन बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है और वित्त मंत्रालय को एक चिठ्ठी भेजी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर बैठके शुरु कर दी हैं। अलग-अलग राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठके कर रही हैं। आज उन मंत्रियों के तरफ से सीतारमण के सामने ये मांगे रखी गई थी।
वित्त मंत्री एक फरवरी को संसद में आम बजट पेश करेंगी। सूत्रों ने कहा कि 2023-24 के आम बजट में जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर खासतौर से जोर दिया जाएगा
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