बजट 2024 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने की उम्मीद है। सरकार न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसे बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
इंडस्ट्री ने सोने, चांदी और प्लैटिनम बार पर आयात शुल्क घटाकर चार प्रतिशत करने और भारत-यूएई व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते का लाभ उठाने के लिए प्लैटिनम आभूषणों के निर्यात पर शुल्क वापसी योजना पेश करने की मांग की।
बैठक में शामिल होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोरसायन-उद्योग मामलों के प्रमुख अजय सरदाना ने कहा कि पेट्रोरसायन उद्योग से संबंधित चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क की समीक्षा करने की जरूरत है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सरकार के पास अधिक पूंजीगत और सोशल खर्च के लिए 40 से 50 आधार अंक का फाइनेंशियल बफर मौजूद है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि बढ़ता हुआ इनकम टैक्स कलेक्शन सरकार को टैक्स में छूट देने की अनुमति देता है।
देश का माल और सेवाओं का निर्यात 2017-18 में 478 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 778 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। सभी एमएसएमई निर्माता निर्यातकों को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज समतुल्यकरण लाभ प्रदान करती है।
श्रमिक संगठनों ने सरकार से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, नई पेंशन योजना को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने के लिए भी कहा।
राजस्व बजट में सरकार की राजस्व प्राप्तियां और उसका व्यय शामिल होता है। राजस्व प्राप्तियों को कर और गैर-कर राजस्व में विभाजित किया जाता है। सामान्य मूल्य स्तर में लगातार बढ़ोतरी मुद्रास्फीति है।
Budget 2024-25 : जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट से किसानों को कई उम्मीदे हैं। एग्री रिसर्च पर निवेश बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने की मांग की जा रही है। साथ ही देश में नई एग्रीकल्चर पॉलिसी लाने की भी डिमांड है।
उद्योग जगत ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण माने जाने वाले एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम) क्षेत्र को बढ़ावा देने की भी बात कही।
वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट अगले महीने संसद में पेश किये जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री के साथ दो घंटे की बैठक के बाद मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी के प्रबंध निदेशक और क्षेत्रीय प्रमुख (कंट्री हेड) अरुण कोहली ने कहा कि टैक्स नीतियों को स्थिर और दीर्घकालिक बनाये जाने की जरूरत है।
बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए उपभोग मांग कोई समस्या नहीं बनने जा रही है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दायरा बढ़ाने की वकालत की।
सीआईआई ने यह सुझाव भी दिया कि मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी को 267 रुपये प्रतिदिन से संशोधित कर 375 रुपये किया जा सकता है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति की आय 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक पांच गुना बढ़ जाती है, तो आयकर की दर छह गुना बढ़ जाती है, जो कि काफी अधिक है।
इंडस्ट्री और किसानों के निकायों के बातचीत के बाद सरकार को समस्याओं की अधिक जानकारी मिलेगी और इनका आसानी से समाधान निकाला जा सकेगा। आने वाले बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तान ने आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भी कम से कम 23 अरब डॉलर उधार लेने की योजना बनाई है। जानें सरकार ने संसद में क्या कहा है।
वित्त मंत्री मुद्रास्फीति को नुकसान पहुंचाए बिना वृद्धि को गति देने के उपायों पर विचार करेंगी और साथ ही गठबंधन सरकार की मजबूरियों को पूरा करने के लिए संसाधन तलाशेंगी।
उद्योग मंडल ने कहा कि उसे नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक बनेंगी।
कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने अपना नया रक्षा बजट पेश कर दिया है। बदहाली के बावजूद पाकिस्तान ने रक्षाबजट को 15 फीसदी तक बढ़ा दिया है। हालांकि अब भी पाकिस्तान का यह रक्षा बजट भारत के मुकाबले कई गुना कम है।
वित्त मंत्रालय की टीम के सहयोगात्मक कोशिशों से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए एक मजबूत और रणनीतिक वित्तीय योजना बनाने में योगदान मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तान कर्ज के लिए पूरी दुनिया में घूमता है। IMF से आस लगाए बैठा है कि अगर कुछ मिल जाए। इस हाल में भी कंगाल पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट बढ़ाया है।
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