लेखा महा नियंत्रक (सीजीए) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई के आखिर में राजकोषीय घाटा यानी व्यय एवं राजस्व का अंतर की यदि पूरे आंकड़े की बात करें तो यह 5,47,605 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
सरकार की बाजार उधारी इस साल जून महीने तक 2.54 लाख करोड़ रुपये हो गई जोकि बजट अनुमान का 57 फीसदी है। वित्त वर्ष के दौरान बाजार उधारी का बजट 4.48 करोड़ रुपये है।
देश का बजटीय राजकोषीय घाटा जून में बढ़कर 4.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य का 68.7 फीसदी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
राजकोषीय घाटा मई में बजट अनुमान के 55.3 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह इससे पिछले साल के समान महीने में 68.3 प्रतिशत था। खर्च में कमी की वजह से राजकोषीय घाटा कम रहा है। कुल राजस्व और व्यय का अंतर राजकोषीय घाटा कहलाता है।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में डायरेक्ट टैक्स के रूप में 4.39 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.2% अधिक है।
ओपेक द्वारा क्रूड ऑयल उत्पादन में कटौती की घोषणा तथा रुपए की विनिमय दर में तीव्र गिरावट के मद्देनजर भारत के लिए आयातित क्रूड ऑयल के दाम में वृद्धि होगी।
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