मांग बढ़ाने को लेकर अर्थशास्त्री अरुण कुमार का कहना है कि कोरोना महामारी का सबसे अधिक असर छोटे आय वर्ग पर हुआ है। रोजी-रोटी का संकट के चलते उनकी खरीदारी क्षमता लगभग खत्म हो गई है। देश की 40% आबादी सबसे बुरी तरह से प्रभावित है।
निर्यातकों के संगठन ने बजट में लॉजिस्टिक से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने और एमएसएमई को समर्थन के लिए भागीदारियों एवं एलएलपी पर आयकर में कटौती की भी मांग की है।
साल 2022 का बजट इस कोरोना संकट के बाद पेश हुआ दूसरा बजट होगा। ऐसे में इस बजट से लोगों को रोजगार के मोर्चे पर बड़े ऐलानों की उम्मीद है।
आम लोगों की इन उम्मीदों के पहाड़ पर बजट को खरा उतारने की वित्त मंत्री की बजट टीम इस बार उन्हें मिलाकर 6 लोग शामिल हैं।
चतुर्वेदी ने सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि बचत योजनाओं पर निचली ब्याज दरों की वजह से आज वरिष्ठ नागरिकों के पास सेवानिवृत्ति कोष काफी कम रहता है।
इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, फार्मा क्षेत्र में कारोबार सुगमता की स्थिति को सुगम करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाने चाहिए।
बजट में वित्त मंत्री Finance bill, Fiscal deficit, Balance of payments और Current account deficit जैसे शब्दों का उल्लेख करेंगी। लेकिन इनका मतलब हर किसी को समझ नहीं आता।
भारत का वर्तमान खर्च जीडीपी का 1.2% से 1.6% है, जो अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बहुत कम है
मोरारजी देसाई के बाद प्रणब मुखर्जी, पी चिदंबरम, यशवंत सिन्हा, वाईबी चौहान और सीडी देशमुख का स्थान आता है। इन सभी ने सात-सात बार बजट पेश किया।
एसोचैम ने कहा कि उसके सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी।
नीय निर्माताओं के लिए आरएंडडी को लेकर रियायतों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कोविड-19 से आपूर्ति और मांग प्रभावित होने से उद्योग को सरकार से समर्थन की जरूरत है।
क्या आपको पता है कि एक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भी भारत का आम बजट पेश कर चुका है? दिलचस्प है न ये बात? आपको बता दें कि ये शख्स थे, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली।
आगामी बजट में केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि में मिलने वाली सालाना 6 हजार रुपये की राशि को बढ़ा कर 8000 रुपये कर सकती है।
परिषद ने एक बयान में कहा, अगर (सोना को) चार प्रतिशत शुल्क दर पर आयात किया जाता है तो 500 करोड़ रुपये के बजाय 225 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ही अवरुद्ध होगी।
बता दें कि नॉर्थ ब्लॉक में हलवा रस्म (halwa ceremony) की अदायगी के बाद ही बजट को तैयार करने में शामिल अधिकारियों को एक तरह की कैद दे दी जाती है।
धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये की सीमा तक विभिन्न मदों में निवेश करके कर छूट हासिल की जा सकती है।
28 प्रतिशत जीएसटी के साथ दो प्रतिशत उपकर, जो विलासितापूर्ण उत्पादों के लिए है, दोपहिया श्रेणी के लिए उचित नहीं है।
स समय भारत में विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक लगभग 10.07 करोड़ है, और एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक हो सकता है।
इसलिए उद्योग की ओर से हम चाहते हैं कि कर छूट के लिए जीवन बीमा में निवेश की एक अलग धनराशि रखी जाए।
क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया) ने वित्त मंत्रालय को भेजी बजट अनुशंसा में क्षेत्र के लिए आधारभूत दर्जे तथा किफायती घरों की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की है।
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