जुलाई 2017 में लागू होने के बाद यह दूसरी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह ने 1.1 लाख करोड़ रुपए का स्तर पार किया है।
कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश होने से पहले शनिवार को कहा कि सरकार को वेतनभोगी तबके को कर में राहत देनी चाहिए और ग्रामीण भारत में निवेश करना चाहिए।
भारत सरकार आज 2020-21 के लिए आम बजट पेश करने जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लगभग 11 बजे संसद में अपना आम बजट 2020-2021 भाषण शुरू करेंगी।
जॉर्जीवा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2019 में अचानक सुस्ती का सामना किया है।
देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है और पूरे देश कों उनसे काफी उम्मीदें भी हैं,
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार की सुबह संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले अपने प्रथागत वक्तव्य में भारत के लिए एक नए दशक की शुरुआत के संकेत दिए थे।
देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना दूसरा बजट पेश कर दिया है, वित्त मंत्री अब बजट भाषण पढ़ रही हैं
देश विदेश में सुस्त पड़ते आर्थिक परिदृश्य के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार (1 फरवरी 2020) को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला 'फील गुड' बजट पेश कर सकती हैं।
बजट छपाई से जुड़े डेप्यूटी मैनेजर कुलदीप कुमार शर्मा 26 जनवरी को बजट ड्यूटी पर थे। उसी दिन कुलदीप शर्मा के पिताजी की मौत हो गई, लेकिन उन्होंने तय किया कि वह अपने पिता की मौत पर घर जाने के बजाए बजट की छपाई के काम में ही लगे रहेंगे।
संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2019-20 में कुछ आंकड़े विकिपीडिया से भी लिए गए हैं। हालांकि विकिपीडिया को सूचना का विश्वसनीय स्रोत नहीं माना जाता है।
आम बजट 2020 से पहले मोदी सरकार के लिए एक और राहत की खबर आई है। जनवरी में वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह जनवरी में फिर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा।
विश्व बैंक के उद्यमिता आंकड़ों के अनुसार गठित की गई नई कंपनियों की कुल संख्या के मामले में भारत तीसरे पायदान पर रहा है। वर्ष 2014 से भारत में नई कंपनियों के गठन में उल्लेखनीय तेजी देखी जा रही है।
मोदी सरकार के आर्थिक सर्वे में माना गया है कि अर्थव्यवस्था संकट में है और इसे रफ्तार देने के लिए सरकार को नीतियां बदलने की जरूरत है।
सड़क को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए, यह बिविध प्रणालियों पर आधारित परिवहन का हिस्सा है, जो कि हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बंदरगाहों और अन्य लॉजिस्टिक्स केंद्रों को आपस में जोड़ती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जितनी सुस्ती आ सकती थी, वह आ चुकी है। अब यहां से इसमें तेजी देखने को मिलेगी।
समीक्षा के अनुसार 2015-16 में थाली की कीमतों में बड़ा बदलाव आया। ऐसा 2015-16 में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र में बड़े बदलाव के कारण संभव हुआ।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सर्विस सेक्टर को कई नियामकीय अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि यदि विलफुल डिफॉल्टर्स द्वारा सार्वजनिक धन का गबन नहीं किया गया होता तो हम सामाजिक क्षेत्रों में लगभग दोगुना राशि खर्च कर सकते थे।
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके 6-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
आर्थिक सर्वेक्षण में प्याज के मूल्यों में वृद्ध सहित दाल का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। इससे यह सिद्ध किया गया है आवश्यक वस्तु अधिनियम अब अपनी प्रासंगिता खो चुका है
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