1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एनडीए सरकार का तीसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं बजट में तमाम लेखा-जोखा कौन तैयार करता है।
2017 का बजट बेहद अलग होने जा रहा है। इस बार न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है, वहीं इस साल से रेल बजट इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
बजट सिर्फ घोषणाओं का एक दस्तावेज भर नहीं होता, बल्कि इसमें काफी कुछ शामिल होता है, जो भविष्य की योजनाओं का भी रोडमैप तैयार करता है।
बजट भाषण के दौरान देश के वित्त मंत्री ऐसे ही तमाम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। हम आपको बताते हैं इन शब्दों का मतलब क्या होता है।
2016-17 उतारचढ़ाव वाला सफर था। उम्मीदें ज्यादा थीं। देश से भी और उसे चलाने वाले शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी टैक्स बड़े सुधारों की आशा थी।
जहां ज्यादातर बैंकों के ATM में अब भी पैसे नहीं हैं वहीं सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि 1 महीने में ATM से फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा घटा कर 1 कर दी जाए
वित्त मंत्री 2017-18 के बजट में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर सकते हैं। नोटबंदी के दौरान हुई परेशानी के मद्देनजर वित्त मंत्री यह कदम उठा सकते हैं।
सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश टैक्स लगाने की योजना बना रही है। इससे बैंक अकाउंट से एक तय सीमा से अधिक कैश निकालने पर यह टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया वेबसाइट ट्वीटर का इस्तेमाल करने वालों से उनके सुझाव मांगे हैं। इसमें पूछा गया है कि आगामी बजट किस पर केंद्रित रहना चाहिए।
वित्त मंत्रालय के तहत वित्त आयोग ने विभिन्न मंत्रालयों के पिछले साल के 2.11 लाख करोड़ रुपए व्यय वाले 29 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
इस साल 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (सीसीपीए) की मंगलवार को हुई मीटिंग में यह फैसला किया गया।
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
बजट निर्माण में जनता की भागीदारी प्रोत्साहित करने और बेहतर पारदर्शिता के लिए वित्त मंत्रालय ने 2017-18 के आम बजट के लिए आम जनता से सुझाव मांगे हैं।
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