अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए सत्ता और विपक्ष दोनों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां एकतरफ बीजेपी के नेतृत्व में NDA सत्ता में तीसरी बार वापसी करने के लिए जंग लड़ेगा तो वहीं तमाम विपक्षी दल NDA को सत्ता से बाहर करने के लिए साथ आने की कोशिश कर रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने विपक्षी दलों की पटना में 23 जून को होने वाली बैठक से पहले उनपर तंज कसा है। उन्होंने कहा-'दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए'
बसपा प्रमुख मायावती को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। उन्होंने लखनऊ के पार्टी ऑफिस से बाबा साहब अंबेडकर, कांशीराम और अपनी मूर्ति को हटवा दिया है।
मायावती ने कहा कि कुछ वक्त से बीजेपी और कांग्रेस में हिंदुत्ववादी व हिंदू भक्त को लेकर लड़ाई चल रही है। इसी के चक्कर में पूजा-पाठ में दोनों अपने आपको माहिर दिखा रहे हैं।
मायावती ने राजस्थान, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की बीजेपी, कांग्रेस और बीआरएस की सरकार को घेरे में लिया है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों की सरकारों ने जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं किया है और जनत के साथ धोखा किया है।
2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पुरानी ताकत तलाश रही है।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों में मिली भारी सफलता पर भाजपा जहां खुशी मना रही है, वहीं पार्टी के लिए कहीं चिंता भी है। क्योंकि कई मंत्री अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं।
यूपी निकाय चुनाव के दूसरे चरण में सात नगर निगमों के महापौर पद पर 83 उम्मीदवार और 581 पार्षद पद पर 3,840 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लोगों से बढ़-चढ़कर वोट डालने की अपील की है।
दोनों सीट पर बीजेपी के सहयोगी अपना दल (एस) और समाजवादी पार्टी में सीधा मुकाबला है। बीएसपी ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है जबकि कांग्रेस सिर्फ छानबे सीट पर चुनाव लड़ रही है।
वैसे तो बड़ौत नगरपालिका सीट पर भाजपा और रालोद (गठबंधन) का सीधा मुकाबला है लेकिन यहां कांग्रेस से अनिल कश्यप व बसपा से मुकेश उपाध्याय भी चुनावी मैदान में हैं । ऐसे में मुकेश उपाध्याय भी चेयरमैन की कुर्सी पाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हुए है ।
सीएम योगी कहा कि पिछली सरकारों ने युवाओं के हाथों में तमंचे पहुंचाए और हमने उन्हीं हाथों में टैबलेट पहुंचाया। जिससे युवाओं को तकनीक से जोड़कर उन्हें ट्रेनिंग देकर स्मार्ट बनाया जा सके।
BSP विधायक उमाशंकर सिंह ने मारे जा चुके माफिया अतीक अहमद की पत्नी को लेकर हमदर्दी दिखाई है और शाइस्ता के अभी भी बसपा का सदस्य होने की पैरवी की है।
प्रयागराज से पहले माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद बसपा ने शाइस्ता का टिकट काट दिया था।
अतीक अहमद से जुड़े एक सवाल पर अफजाल ने कहा कि मोदी की तेजी से जो उल्टी गिनती हो रही है, ये उससे दिमाग हटाने की कोशिश है।
अतीक अहमद के बेटे की न्यायेतर हत्या सत्ता के घिनौने अहंकार, न्यायिक प्रक्रिया और कानून को दरकिनार करने का एक और उदाहरण है। तथाकथित मुठभेड़ पर जश्न देश की न्याय व्यवस्था का मजाक है।
पुलिस असद को पिछले डेढ़ महीने से खोज रही थी, लेकिन वह पुलिस को चकमा देते हुए फरार था। आज आख़िरकार पुलिस को उसके झांसी में होने की भनक लगी और STF की टीम ने उसका एनकाउंटर कर दिया।
टिकट बांटने से नाराज कुछ लोगों ने पार्टी कार्यालय समेत कई स्थानों पर होर्डिंग्स लगा दिए हैं। इन होर्डिंग्स में साफ तौर पर दो सीनियर नेताओं पर पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप लगे हैं।
सन् 1993 में मान्यवर श्री कांशीराम जी ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी, किन्तु श्री मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही।''
माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है। वह 25 हज़ार की इनामी है और अभी फरार चल रही है। इसी साल जनवरी में शाइस्ता परवीन बीएसपी में शामिल हुई थी और पार्टी ने शाइस्ता को प्रयागराज से मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था।
शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है। वह 25 हज़ार की इनामी है और अभी फरार चल रही है। इसी साल जनवरी में शाइस्ता परवीन बीएसपी में शामिल हुई थी और पार्टी ने शाइस्ता को प्रयागराज से मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था।
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