बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की पराजय पर कहा है कि भाजपा ने बसपा के लोगों का मनोबल गिराने के लिए साजिश की है।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 11 विधानसभा सीटों में से आठ पर भारतीय जनता पार्टी और एक-एक पर सपा, बसपा और भाजपा के सहयोगी अपना दल के विधायक जीते थे।
उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव में विपक्ष दल कुछ सीटों के परिणाम में उलटफेर होने उम्मीद लागाए हुए है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर, 2 बार मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता और पूर्व लोकसभा सांसद दुष्यंत चौटाला समेत दमाम दिग्गज इस बार हरियाणा के चुनावी दंगल में एक-दूसरे को पटखनी देने की कोशिश में हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जुटे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राज्य में बसपा प्रमुख द्वारा कम से कम छह विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करने की योजना है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कांशीराम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्घांजलि अर्पित की। इस दौरान बसपा प्रमुख ने उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
सहारनपुर जिला की गंगोह विधानसभा सीट पर तीन सप्ताह से भी कम समय में चुनाव होने वाला है। गंगोह कैराना लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से एक है और सहारनपुर जिला में आता है।
हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये बहुजन समाज पार्टी ने अपने 41 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इनमें दो महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की हमीरपुर विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भले ही भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई है, लेकिन समाजवादी पार्टी अपनी हार में भी जीत देख सकती है।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव के शुक्रवार को घोषित परिणामों में बहुजन समाज पार्टी की करारी हार के बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते हुए कार्यकर्ताओं से मायूस न होने को कहा हैं।
यूपी की हमीरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने परचम फहराया है। यहां भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े युवराज सिंह को जनता ने अपना नया विधायक चुना है।
रामपुर विधानसभा सीट के इतिहास को देखें तो आजम यहां सन् 1980 से लेकर अब तक चुनाव जीते हैं। हां एक बार 1996 में कांग्रेस से वह चुनाव हारे थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2017 में जब भाजपा की सुनामी आई थी तब आजम अपनी और अपने बेटे की सीट बचाने में कामयाब रहे थे।
हाल ही में राजस्थान में बसपा को बड़ा झटका लगा था। पार्टी के सभी छह विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था, अब मायावती ने सूबे की प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर दी है।
हरियाणा के पृथला विधानसभा क्षेत्र से सुरेंद्र वशिष्ठ का नाम घोषित किए जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त हो गया।
राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बसपा के उत्तर प्रदेश विधान परिषद के तीन सदस्यों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना है।
इस छोटे चुनाव का असर 2022 में दिखेगा, इसलिए सपा ने बड़ी रणनीति बनाकर तैयारी कर रही है। विपक्ष का प्रदर्शन आने वाले विधानसभा चुनाव का रास्ता तैयार करेगा।
मायावती की यह नाराजगी राजस्थान में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के कारण है । गौरतलब है कि मंगलवार को राजस्थान में बहुजन समाजवादी पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
प्रदेश की 200 सीटों वाली विधानसभा में अभी कांग्रेस के 100 विधायक हैं और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास एक विधायक है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 का बाहर से समर्थन प्राप्त है जबकि दो सीटें खाली हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि 2022 का विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले ही लड़ेगी।
बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी। हम कांग्रेस या किसी अन्य से कोई गठबंधन नहीं करेंगे।
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