कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के पार्टी छोड़ने के बाद एक और बड़े नेता ने इस्तीफा दिया है। इस तरह से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में झटके लगते जा रहे हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेता को मायावती ने अपनी पार्टी से टिकट भी दे दिया है।
यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पुरजोर तरीके से रैली कर रही है। मगर अभी तक बहुजन समाज पार्टी चुनावी मैदान में नहीं उतरी है।
देश को जानना, समझना और परखना है, तो जनाब पहले य़ूपी को समझिये। इससे अच्छा जरिया यूपी की नब्ज टटोलने का और क्या हो सकता है जब खुद उत्तर प्रदेश की पारखी जनता आपको बताये–अपने दिल की बात–क्योंकि ये पब्लिक है, सब जानती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस बार विधानसभा चुनाव मे सत्ता में वापसी के लिए सोची-समझी और सधी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में कदम बढ़ा रहे हैं।
2014 में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के सत्ता संभालने के बाद अमूमन सभी राज्यों में मोदी भरोसे ही बीजेपी की नैया पार हुई।
चन्नी ने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व ने अकाली दल को पार्टी बेचकर अनुसूचित जाति समुदाय की पीठ में छुरा घोंप दिया।
विरोधियों द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा के सक्रिय नहीं होने के आरोपों को खारिज करते हुए मिश्रा ने कहा,‘‘बसपा के पोस्टर-बैनर पर दिखाई नहीं देने का मतलब यह नहीं है कि वह मतपत्र पर भी नहीं होगी।’’
राजेंद्र सिंह गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के चुनाव पर लड़ा और जीते। उसके बाद ये विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए।
आलम ने बताया, ''मैंने बसपा विधानमंडल दल और विधायकी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि हमारी पार्टी की नेता मायावती और मेरे बीच विश्वास की कमी हो गयी थी। जब हमारी नेता को ही हम पर विश्वास नहीं रहा तो फिर हम पार्टी में रह कर क्या करेंगे।''
योगी ने कहा, यह आपकी जिम्मेदारी है कि अपने समाज के लोगों को जाकर बताएं और सरकार के कारनामों को जन जन तक पहुंचाएं।
यात्रा शुरू होने से पहले अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि इस यात्रा का मकसद राज्य से भारतीय जनता पार्टी की सरकार का सफाया करना है और जिस तरह से लखीमपुर खीरी में कानून को कुचला गया है, किसानों को कुचला गया है, संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं उससे जनता में भाजपा के प्रति बहुत आक्रोश हैं।
भाजपा के सहयोगी के रूप में आरपीआइ प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले उत्तर प्रदेश के हर जिले में अनुसूचित जाति के मतदाताओं को राजग की ओर मोड़ने में जुटेंगे।
पूर्व में विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके कुशवाहा ने वर्ष 2009 में रायबरेली से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
AIMIM सुप्रीमो ने कहा कि यदि बीजेपी, मोदी, योगी और आरएसएस के खिलाफ सबसे ज्यादा कोई बोलता है तो वह हम खुद हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सैदपुर के टाउन नेशनल इंटर कॉलेज में कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह कहा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मायावती राजनीति में तो आप आईं थीं दलितों की बेटी बनकर, इसी आधार पर सत्ता में भी आई, पर बन गईं दौलत की बेटी।
रिपोर्ट के अनुसार, सात साल में कुल 1133 उम्मीदवारों और 500 सांसदों-विधायकों ने पार्टियां बदलीं और चुनाव लड़े। कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी दूसरी ऐसी पार्टी रही जिसे सबसे अधिक उम्मीदवारों और सांसदों-विधायकों ने छोड़ा।
सर्वेक्षण में आगे खुलासा हुआ है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोट शेयर और सीटों की संख्या दोनों में कमी आएगी। बसपा का वोट शेयर 2017 में 22.2 से 6.5 प्रतिशत घटकर 2021 में 15.7 फीसदी हो जाएगा।
बीएसपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीएसपी ने यह जो लाइन पकड़ी है इससे पार्टी के अल्पसंख्यक वोट छिटक सकते है।
ब्राह्मणों को लुभाने के अपने अभियान में, BSP ने अब अपना ध्यान ब्राह्मण समुदाय की महिलाओं पर केंद्रित करने का फैसला किया है। इस अभियान की अगुवाई बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा कर रही हैं।
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