2017 के विधानसभा चुनाव में सदर विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार अतुल गर्ग ने बीएसपी के प्रत्याशी सुरेश बंसल को शिक्कत दी थी।
चुनाव से पहले बाटला हाउस केस जिंदा कैसे हुआ ? इस पर देखिए सबसे बड़ी बहस Muqabla सिर्फ इंडिया टीवी पर
पूर्वांचल की ग्राउंड रिपोर्ट में मायावती काफी मुश्किल में नज़र आ रही हैं। मायावती का वोट शेयर गिरता हुआ नज़र आ रहा है और ये वोट शेयर बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों की तरफ जाता हुआ नज़र आ रहा है लेकिन सीटों में सबसे ज्यादा इजाफा समाजवादी पार्टी को हो सकता है।
24 घंटे के अंदर अखिलेश यादव कई मर्तबा अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर गोरखपुर का जिक्र कर चुके हैं। योगी के चुनाव लड़ने पर कमेंट कर चुके हैं, वैसे सीएम रहते हुए योगी आदित्यनाथ यूपी की राजनीति से जुड़े कई अंधविश्वास तोड़ चुके हैं, नोएडा आना, आगरा सर्किट हाउस में रुकना, ये सब पहले ही कर चुके हैं, अब दोबारा सीएम नहीं बनने वाला अंधविश्वास तोड़ना बाकी है। इसके साथ ही यूपी में 18 साल बाद ऐसा होने जा रहा है जब कोई मुख्यमंत्री का उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहा है।
यूपी चुनाव में जुबानी जंग तेज हो गई है..प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने पर नेता एक दूसरे पर अरोपों-प्रत्यारोपों के बाण चला रहे हैं...आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी लिस्ट में शामिल नामों को लेकर सवाल उठाए...सीएम योगी ने कहा कि अखिलेश यादव का दंगाइयों, पेशेवर हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों को टिकट देना समाजवादी पार्टी और गठबंधन के साथियों के चरित्र को उजागर करता है...आज मुकाबला में हम इसी मुद्दे पर चर्चा देखिए
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने विधानसभा चुनाव में पहले चरण के 58 में से 53 प्रत्याषियों की घोषणा की है। पहली सूची मुस्लिम और युवाओं की झलक देखने को मिली है। बता दें कि मायावती ने अपने 66वें जन्मदिन पर यह सूची जारी की है। साथ ही उन्होंने सत्ता में वापस आने का दावा भी किया है। बसपा सुप्रीमो ने अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मेरे जन्मदिन को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाया जा रहा है। मेरे जन्मदिन को जनकल्याणकारी के रूप में आज सभी लोग मना रहे हैं।
मायावती ने अपने 66वें जन्मदिन पर यह सूची जारी की है। साथ ही उन्होंने सत्ता में वापस आने का दावा भी किया है। बसपा सुप्रीमो ने अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मेरे जन्मदिन को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले BSP कार्यकर्ता अरशद राणा यह दावा करते हुए फूट-फूट कर रोने लगे कि आगामी चुनावों के लिए पार्टी की तरफ़ से उन्हें टिकट देने का वादा किया गया था। लेकिन उन्हें अंतिम समय में टिकट से वंचित कर दिया गया।
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण की 90 फीसदी से अधिक सीटों के लिए पार्टी के प्रत्याशी चुने जा चुके हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के पार्टी छोड़ने के बाद एक और बड़े नेता ने इस्तीफा दिया है। इस तरह से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में झटके लगते जा रहे हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेता को मायावती ने अपनी पार्टी से टिकट भी दे दिया है।
उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा ऐलान किया है। बीएसपी नेता और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने ऐलान किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और वह (सतीश चंद्र मिश्रा) विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पुरजोर तरीके से रैली कर रही है। मगर अभी तक बहुजन समाज पार्टी चुनावी मैदान में नहीं उतरी है।
देश को जानना, समझना और परखना है, तो जनाब पहले य़ूपी को समझिये। इससे अच्छा जरिया यूपी की नब्ज टटोलने का और क्या हो सकता है जब खुद उत्तर प्रदेश की पारखी जनता आपको बताये–अपने दिल की बात–क्योंकि ये पब्लिक है, सब जानती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस बार विधानसभा चुनाव मे सत्ता में वापसी के लिए सोची-समझी और सधी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में कदम बढ़ा रहे हैं।
2014 में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के सत्ता संभालने के बाद अमूमन सभी राज्यों में मोदी भरोसे ही बीजेपी की नैया पार हुई।
चन्नी ने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व ने अकाली दल को पार्टी बेचकर अनुसूचित जाति समुदाय की पीठ में छुरा घोंप दिया।
मायावती ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के 100 वर्ष पूरे होने पर पार्टी को बधाई दी। मायावती ने सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘चुनाव घोषित होने से कुछ समय पहले केंद्र व उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा ताबड़तोड़ घोषणाएं, शिलान्यास व आधे-अधूरे कार्यों के उद्घाटन से भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है।
विरोधियों द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा के सक्रिय नहीं होने के आरोपों को खारिज करते हुए मिश्रा ने कहा,‘‘बसपा के पोस्टर-बैनर पर दिखाई नहीं देने का मतलब यह नहीं है कि वह मतपत्र पर भी नहीं होगी।’’
राजेंद्र सिंह गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के चुनाव पर लड़ा और जीते। उसके बाद ये विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए।
आलम ने बताया, ''मैंने बसपा विधानमंडल दल और विधायकी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि हमारी पार्टी की नेता मायावती और मेरे बीच विश्वास की कमी हो गयी थी। जब हमारी नेता को ही हम पर विश्वास नहीं रहा तो फिर हम पार्टी में रह कर क्या करेंगे।''
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