बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 194 अंक उछलकर पहली बार 53,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। केंद्रीय मंत्री परिषद में फेरबल से पहले निवेशकों की लिवाली से धातु, वित्तीय और बैंक शेयरों में तेजी के साथ बाजार को मजबूती मिली।
विदेशी कोषों के लगातार बाहर जाने और एशियाई बाजारों में मिलेजुले रुख के बीच शुक्रवार को प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में सुस्ती देखने को मिली।
बाजार में बढ़त के साथ बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी इस साल 15 जून को अपने उच्चतम स्तर 2,31,58,316.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को सकल आधार पर 18.64 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने शुक्रवार को कहा कि उसने पूर्ण अनुषंगी कंपनी बीएएसएल का गठन किया है।
बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को करीब 359 अंक की बढ़त के साथ 52,300 से ऊपर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख के बीच वित्तीय, दवा और आईटी शेयरों में लिवाली से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी लौट आई।
निवेशकों की खरीदारी जारी रहने से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 229 लाख करोड़ रुपये के पर अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार के नए शिखर पर पहुंचने के साथ वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ब्रोकरेज कंपनियों ने पिछले साल अप्रैल से 31 मई 2021 तक हर महीने औसतन 13 लाख नए डीमैट खाते खोले हैं।
हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र में बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य 218.94 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
पूरे वित्त वर्ष 2020-21 (जनवरी-मार्च) में बीएसई का शुद्ध लाभ 17 प्रतिशत बढ़कर 141.70 करोड़ रुपये रहा जो जो एक साल पहले 2019-20 में 120.61 करोड़ रुपये था।
नकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े शेयरों में गिरावट के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 400 अंक से अधिक टूट गया।
बेहतर तिमाही परिणाम, रिजर्व बैंक के हाल में हुए ऐलान और सरकार का पूर्ण लॉकडाउन की संभावना से इनकार की वजह से शेयर बाजार में बढ़त रही है।
इस सप्ताह एशियन पेंट्स, जिंदल स्टील एंड पावर लि. ल्यूपिन, वेदांता, सिप्ला और डा.रेड्डीज लैबोरेटरीज के वित्तीय परिणामों पर निवेशकों की नजर होगी।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत बढ़कर 91.33 पर आ गया।
अवधि के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों का निवेश 203 अरब डालर था, जो एफपीआई के मुकाबले आधे से भी कम है।
शेयर बाजार में आज सभी सेक्टर इंडेक्स में भारी गिरावट देखी जा रही है, बैंक, ऑटो, मीडिया और रियल्टी इंडेक्स में सबसे ज्यादा कमजोरी देखी जा रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक की बांड खरीदने की योजना के कारण बीते सप्ताह रुपये में कमजोरी आई और अब शेयर बाजार में बिकवाली होने के कारण देसी करेंसी पर दबाव देखा जा रहा है।
शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, आईसीआईआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।
एनर्जी सेक्टर 2.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ है। इसके अलावा ऑटो, एफएमसीजी, आईटी और सरकारी बैंकों का इंडेक्स 2-2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ।
शेयर बाजारों में अत्यधिक तरलता तथा नए खुदरा निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी से इन कंपनियों को फायदा होगा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़