कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के विश्वासमत हारने के बाद अब बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।
कर्नाटक के इतिहास में केवल तीन मुख्यमंत्री ही पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा कर पाये। चौदह माह तक सत्ता में रहने के बाद एच डी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव हार बैठी।
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार को विश्वासमत खोने के बाद बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार की हार लोकतंत्र की जीत है।
कर्नाटक भाजपा ने अपने ट्वीट संदेश में लिखा ‘’यह कर्नाटक की जनता की जीत है, यह अपवित्र और भ्रष्ट गठबंधन के युग का अंत है, हम कर्नाटक की जनता को स्थिर और सक्षम सरकार देने का वचन देते हैं, मिलकर हम कर्नाटक को एक बार फिर से उन्नत बनाएंगे।‘’
कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर सोमवार को विधानसभा में फैसला होने की संभावना है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि यह (सोमवार) कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस, राज्यपाल वजुभाई वाला पर विधानसभा की विश्वासमत की कार्यवाही में दखल का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को शीर्ष न्यायालय पहुंचे।
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि किसी विधायक ने उनसे सुरक्षा की मांग नहीं की है।
बीजेपी विधायकों ने सदन में ही रात भर धरना दिया। पार्टी के विधायक तकिया और चादर लेकर पहुंचे और जहां जगह मिली वहीं तनकर सो गए।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार का भविष्य तय करने वाले विश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में मतदान नहीं हो सका।
गठबंधन सरकार के 16 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सभी की निगाहें विश्वास मत पर टिकी हैं। बहरहाल, एक असंतुष्ट विधायक रामलिंगा रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी के साथ रहने का फैसला कर लिया है
कर्नाटक की सियासत में पल-पल के घटनाक्रम की ताजा तस्वीर जानने के लिए हमारे साथ बने रहें:
अगर फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर रमेश कुमार 15 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 225 से घटकर 210 रह जाएगी क्योंकि स्पीकर वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं। ऐसे में केवल 209 विधायक ही विश्वास मत पर वोटिंग कर सकेंगे।
कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कोशिश की है।
Karnataka Crisis: कर्नाटक के बागी विधायक बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में होने वाले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार के विश्वासमत में भाग लेने के लिए नहीं जाएंगे।
Karnataka Crisis: कर्नाटक के बागी विधायकों को लेकर मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्नाटक में मौजूदा कांग्रेस-JDS सरकार के गिरने का खतरा बढ़ गया है
कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा सरकार बनाने को लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं।
सत्ता में बने रहने के लिये जरूरी आंकड़ों को लेकर जहां कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन उलझन में है वहीं भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि उन्हें अगले चार-पांच दिन में सरकार बनाने का पूरा भरोसा है।
भाजपा ने कहा कि गठबंधन के 16 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे देने के बाद सरकार ‘‘अल्पमत’’ में है और इसलिए विश्वास मत तक सदन की कार्यवाही चलने का विरोध किया गया।
कांग्रेस ने एक और बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी को वापस पार्टी के खेमे में लाने के लिए रविवार को उन्हें मनाने के प्रयास तेज कर दिए।
कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच गठबंधन नेताओं ने अपने बागी विधायकों को मनाने की कोशिश शनिवार को तेज कर दी, वहीं उसकी मुश्किलें बढ़ाते हुए पांच और विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
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