वेब ब्राउजिंग की दुनिया में गूगल क्रोम एक लीडिंग ब्राउजर है। हालांकि बहुत जल्द तस्वीर बदल सकती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दिग्गज कंपनी OpenAI अपना खुद का वेब ब्राउजर लाने की तैयारी कर रहा है। ओपनएआई का ब्राउजर एआई फीचर से होगा लैस
भारत सरकार की भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम समय-समय पर अलग-अलग डिवाइसेस के लिए अलर्ट जारी करती रहती है। हाल ही में CERT-In की तरफ से एक ब्राउजर को हाई रिस्क अलर्ट जारी किया गया है। अगर आप इस ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।
Google Chrome यूजर्स के लिए सरकार की तरफ से नई वॉर्निंग जारी की गई है। स्मार्टफोन और लैपटॉप में सबसे ज्यादा यूज किए जाने वाले इस वेब ब्राउजर में एक बड़ी खामी पाई गई है, जिसकी वजह से यूजर्स का डेटा हैकर्स के हाथ लग सकता है।
CERT-In ने यूजर्स को वॉर्निंग जारी देते हुए कहा कि वो अपने पीसी के वेब ब्राउजर को तुरंत अपडेट कर लें नहीं तो उनकी निजी जानकारियां साइबर अपराधियों तक पहुंच सकती है।
Google जल्द करोड़ों यूजर्स के लिए तगड़ा सिक्योरिटी फीचर रोल आउट करने वाला है, जो स्मार्टफोन यूजर्स को साइबर क्राइम से बचाएगा। इस फीचर को फिलहाल गूगल पिक्सल और सैमसंग गैलेक्सी के कुछ डिवाइसेज में देखा गया है।
अगर आप लैपटॉप या फिर फोन पर फायरफॉक्स ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बेहद सावधान रहने की जररूत है। भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने इस ब्राउजर को लेकर एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक फायरफॉक्स में कई सारी सिक्योरिटी प्रॉब्लम्स हैं।
बिहार के युवा सिर्फ चीन की सीमाओं पर ही नहीं, तकनीक पर भी चीन को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। देश में चल रहे चाइनीज एप्स के बहिष्कार के अभियान और केंद्र सरकार द्वारा 59 चायनीज एप्स को बंद किए जाने के बाद 'मेड इन इंडिया' एप की मांग बढ़ी है।
दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने क्रोम (Chrome) ब्राउजर को 30 जुलाई से नए Google Chrome 76 से अपग्रेड करने जा रहा है।
प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल अपने क्रोम ब्राउजर के टूलबार में प्ले और पॉज बटन जोड़ने के लिए काम कर रहा है।
विश्व स्तर पर 200 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा इंटरनेट ब्राउसिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गूगल क्रोम को 'ब्रेव' ब्राउजर से कुछ गंभीर प्रतिस्पर्धा मिली है।
भारत में ई-कॉमर्स के बाद अब Amazon ने ब्राउजर Internet की शुरुआत की है। अमेजन का यह वेब ब्राउजर खास तौर पर एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए रिलीज किया गया है। यह मात्र 2MB का स्पेस लेता है।
विशेषज्ञों की मानें तो मोबाइल फोन पर टाइप किए जाने वाले पासवर्ड और पिन को हैकर्स फोन के सेंसर्स की मदद से बड़ी आसानी से चुरा सकते हैं।
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