प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे के पर हैं। पीएम मोदी रूस के कजान शहर में हो रहे 16वें BRICS समिट में शामिल होने के लिए रूस पहुंचे हैं। इस दौरान कजान में पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया गया है।
BRICS ब्लॉक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका आते हैं। यह दुनिया की 42 फीसदी आबादी और 27 फीसदी ग्लोबल जीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ब्रिक्स की ख्याति दुनिया में बढ़ रही है। दुनिया के कई देशों की इस समिट पर नजर रहेगी।
ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस पहुंच चुके हैं। रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि पीएम मोदी कजान में ब्रिक्स सदस्य देशों के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के लिए रवान हो गए हैं। पीएम मोदी के दौरे से पहले कज़ान शहर की कुछ तस्वीर सामने आईं है। जहां भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी के स्वागत की खास तैयारी में हैं।
ब्रिक्स समिट रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए व्यक्तिगत रूप से बेहद अहम है। ऐसे इसलिए है क्योंकि यह उन्हें अलग-थलग करने के पश्चिमी प्रयासों की विफलता को दर्शाता है।
ब्रिक्स की संभावित मुद्रा के बारे में पुतिन ने कहा कि सदस्य देशों को बिना जल्दबाजी के धीरे-धीरे काम करने की जरूरत है। इन देशों की आबादी और संरचना को देखते हुए, यह एक दीर्घकालिक संभावना है और अगर इन मसलों पर विचार नहीं किया तो यूरोपीय संघ (ईयू) में एक मुद्रा लागू करते समय हुई समस्याओं से भी बड़ी समस्या होगी।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध नहीं लड़ रहा, बल्कि अमेरिका और नाटो रूस से लड़ रहे हैं, लेकिन वह भी लड़ते-लड़ते एक दिन थक जाएंगे। अंत में रूस की ही जीत होगी।
रूस के कजान (Kazan) में ब्रिक्स सम्मेलन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे। यहां उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से खास मुलाकात होगी।
ब्रिक्स शिखर वार्ता 2024 से पहले इसकी मेजबानी कर रहे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी के खिलाफ होना नहीं है। यह पश्चिम विरोधी नहीं है। इसके लिए उन्होंने भारत का उदाहरण भी दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर 2024 को रूस की यात्रा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
भारत का दोस्त रूस अब एक मामले में पाकिस्तान का साथ देने जा रहा है। रूस के उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री और आर्मी चीफ असीम मुनीर से मिलने के बाद यह ऐलान किया है। इससे पाकिस्तान गदगद हो गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि बैठक में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने की दिशा में हाल के प्रयासों की समीक्षा की। इससे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण करने के लिए स्थितियां बनेंगी।
माना जा रहा है कि इस बैठक के माध्यम से रूस और यूक्रेन के बीच एक बार फिर से शांति वार्ता कराने की कोशिश की जा सकती है। अक्टूबर में होनेवाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले एनएसए लेवल की यह बैठक काफी अहम है।
भारत ने मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और इथियोपिया के ब्रिक्स समूह में शामिल होने पर खुशी जताई है। भारत ने पहल का स्वागत किया गया है।
ब्रिक्स समिट को लेकर रूसके राष्ट्रपति व्लदिमीर पुतिन ने बड़ा ऐलान किया है। पुतिन बोले- अगले साल रूस ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा। रूस के कजान शहर में यह समिट आयोजित की जाएगी। जानिए पश्चिमी देशों पर हमलावर होते हुए पुतिन ने क्या बात कही?
ब्रिक्स विकासशील देशों का बड़ा संगठन है। चीन अपनी चाल चलते हुए पाकिस्तान को भी इसमें शामिल कराना चाहता है ताकि वह इस संगठन में अपना दबदबा बढ़ा सके। वहीं भारत इस संगठन में पाकिस्तान को शामिल करने पर कड़ा ऐतराज जताता है।
गाजा में हजारों महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास आतंकियों ने जो कृत्य किया, उसके जवाब में इजरायल ने भी निर्दोष फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या करके युद्ध अपराध किया।
कुछ दिनों पहले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का शानदार आयोजन करने वाले जोहान्सबर्ग में आग ने भीषण तबाही मचा दी है। बहुमंजिला इमारत में आग लगने से अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है। 50 से ज्यादा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।
दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन भारत के साथ द्विपक्षीय बैठक और वार्ता करने को बेताब था। मगर चीन के अनुरोध को पीएम मोदी ने अस्वीकार कर दिया। भारतीय सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सिर्फ अनौपचारिक रूप से बातचीत पर सहमत हुए।
BRICS समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दो टूक लहजे में कह दिया है कि भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC का सम्मान जरूरी है.
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