डोकलाम विवाद पर चीन से बड़ी ख़बर आई है जिसे भारत और चीन की द्विपक्षीय बातचीत से पहले भारत की बड़ी राजनयिक जीत के रुप में देखा जा सकता है। चीन ने कहा है कि वह डोकलाम विवाद को किनारे रख कर बात करेगा।
दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में होने की संभावना है जब करीब एक हफ्ते पहले भारत और चीन ने 73 दिन तक डोकलाम मुद्दे पर कायम रहे गतिरोध को सुलझाने की घोषणा की...
शी ने कहा कि आतंकवाद के लक्षणों एवं कारणों की तह तक पहुंचने के बाद आतंकवादियों के छिपने के लिए जगह नहीं बचेगी...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंत्रिमंडल विस्तार के बाद चीन रवाना हो गए जहां वह ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे। मोदी ने शनिवार को कहा कि वह ब्रिक्स सम्मेलन में फलदायी बातचीत को लेकर उत्सुक हैं।
डोकलाम मुद्दे पर पिछले ढाई महीने से जारी गतिरोध समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आज चीन के दौरे पर जा रहे हैं
डोकलाम विवाद के समय भारत को युद्ध की धमकी देने वालों में से एक चीनी विशेषज्ञ वांग ने कहा कि...
बीते साल भारत में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने भारत द्वारा ब्रिक्स घोषणा में आतंकवादी समूह की सूची में जेईएम व लश्कर-ए-तैयबा के नाम शामिल करने के प्रयास का समर्थन नहीं किया था।
चीन ने गुरुवार को कहा कि अगले हफ्ते होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी रिकॉर्ड से संबंधित चिंताएं चर्चा करने के लिए उचित विषय नहीं है।
चीन ने गुरुवार को संकेत दिया कि अगले हफ्ते BRICS शिखर सम्मेलन से इतर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है।
भारत और चीन के बीच बीते 70 दिनों तक चला डोकलाम गतिरोध सोमवार को खत्म हो गया। दोनों देशों ने ब्रिक्स सम्मेलन से पहले अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने पर सहमति जताई है। मोदी म्यांमार के राष्ट्रपति यू हटिन क्याव के निमंत्रण पर पांच से सात सितंबर तक म्यांमार
एस्सार ऑयल और रोसनेफ्ट का यह सौदा देश में अब तक हुआ सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई है तथा रूस का विदेश में किया गया सबसे बड़ा निवेश भी है
चीन की राजधानी बीजिंग में सोमवार को छठा ब्रिक्स ट्रेड यूनियन फोरम शुरू हो गया, जिसमें सतत विकास में ट्रेड यूनियन की भूमिका पर चर्चा होगी।
ब्रिक्स देशों ने भ्रष्टाचार से निपटने और विदेशों में जमा कालाधन को संबंधित को वापस किए जाने पर विश्व-बिरादरी की ओर मजबूत प्रतिबद्धता की जरूरत पर बल दिया है।
भारत अपनी मजबूत ग्रोथ दर के साथ आज दुनिया की सबसे उदार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। पिछले दो साल में हमने कई उल्लेखनीय सुधारवादी कदम उठाए हैं।
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