ब्रिक्स समिट रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए व्यक्तिगत रूप से बेहद अहम है। ऐसे इसलिए है क्योंकि यह उन्हें अलग-थलग करने के पश्चिमी प्रयासों की विफलता को दर्शाता है।
ब्रिक्स की संभावित मुद्रा के बारे में पुतिन ने कहा कि सदस्य देशों को बिना जल्दबाजी के धीरे-धीरे काम करने की जरूरत है। इन देशों की आबादी और संरचना को देखते हुए, यह एक दीर्घकालिक संभावना है और अगर इन मसलों पर विचार नहीं किया तो यूरोपीय संघ (ईयू) में एक मुद्रा लागू करते समय हुई समस्याओं से भी बड़ी समस्या होगी।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध नहीं लड़ रहा, बल्कि अमेरिका और नाटो रूस से लड़ रहे हैं, लेकिन वह भी लड़ते-लड़ते एक दिन थक जाएंगे। अंत में रूस की ही जीत होगी।
रूस के कजान (Kazan) में ब्रिक्स सम्मेलन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे। यहां उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से खास मुलाकात होगी।
ब्रिक्स शिखर वार्ता 2024 से पहले इसकी मेजबानी कर रहे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी के खिलाफ होना नहीं है। यह पश्चिम विरोधी नहीं है। इसके लिए उन्होंने भारत का उदाहरण भी दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर 2024 को रूस की यात्रा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
माना जा रहा है कि इस बैठक के माध्यम से रूस और यूक्रेन के बीच एक बार फिर से शांति वार्ता कराने की कोशिश की जा सकती है। अक्टूबर में होनेवाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले एनएसए लेवल की यह बैठक काफी अहम है।
ब्रिक्स समिट को लेकर रूसके राष्ट्रपति व्लदिमीर पुतिन ने बड़ा ऐलान किया है। पुतिन बोले- अगले साल रूस ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा। रूस के कजान शहर में यह समिट आयोजित की जाएगी। जानिए पश्चिमी देशों पर हमलावर होते हुए पुतिन ने क्या बात कही?
BRICS समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दो टूक लहजे में कह दिया है कि भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC का सम्मान जरूरी है.
ब्रिक्स देशों के 15वें शिखर सम्मेलन में संगठन में 6 नए देशों को एंट्री दी गई है। इस सम्मेलन में शी जिनपिंग के साथ एक ऐसा वाकया हुआ जो चर्चा का विषय है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में 6 नए देशों को इसका सदस्य बनाया गया है। इसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का नाम शामिल है। पीएम मोदी ने कहा कि इन नए सदस्यों के शामिल होने से संगठन और अधिक मजबूत होगा। उन्होंने सभी नए सदस्य देशों को बधाई दी।
BRICS Summit South Africa: पीएम का देश प्रेम, जमीन पर पड़े तिरंगे को उठाया और...
पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रमुखों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं।
मोदी ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान समेत अन्य सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब लालफीताशाही को हटाकर लाल कालीन बिछा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक चलने वाले 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था से लेकर इज ऑफ डूइंग बिजनेस समेत कई मुद्दों पर बात की।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन काफी मायनों में खास है। दुनियाभर के 20 से अधिक देशों ने इस संगठन का भाग बनने की इच्छा जाहिर की है।
Brics Summit 2023: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज से चार दिनों तक दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस के दौरे पर हैं...पीएम मोदी सबसे पहले ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए साउथ अफ्रीका के शहर जोहानसबर्ग पहुंचेंगे...15वां ब्रिक्स सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है जो 24 अगस्त तक चलेगा...
दक्षिण अफ़्रीका की अध्यक्षता में जोहान्सबर्ग में आयोजित होने वाले 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने पीएम मोदी आज सुबह रवाना हो गए। रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वह दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति महामहिम सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22-24 अगस्त 2023 तक दक्षिण अफ़्रीका गणराज्य का दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग जाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है। जोहान्सबर्ग में 22 से 24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इसमें हिस्सा लेंगे।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भौतिक रूप से न सही, लेकिन अब वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। कहा जा रहा है कि पुतिन के जोहान्सबर्ग में गिरफ्तारी का खतरा था। इस लिए उन्होंने भौतिक रूस से शामिल होने से इन्कार कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का फैसला लिया।
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