वैज्ञानिक एक दवा का परीक्षण कर रहे हैं, जो स्तन और फेंफड़े के कैंसर पैदा करने वाले जीन के विकास एवं कैंसर को फैलने से रोक सकता है। इस जीन का ताल्लुक मोटापे से है।
महाराष्ट्र में हालिया जांच के दौरान 2.6 लाख से अधिक लोगों में मुख के कैंसर यानी ओरल कैंसर के लक्षण पाए गये हैं। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य विधानसभा में आज यह जानकारी दी। जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपायों के बारें में...
किंग ऑफ स्पाइस या ब्लैक पेपर नाम से प्रचलित काली मिर्च भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले गर्म मसाले का अहम् हिस्सा है। काली मिर्च हमारे भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, कई बीमारियों के इलाज में सहायक साबित होती है।
कुछ ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के पीड़ित चूहों में ऐस्पेराजीन को सीमित करने से शरीर में कैंसर के बढ़ने का खतरा कम देखा गया। दूसरी ओर चूहों को ऐस्पेराजीन युक्त पदार्थों का सेवन करवाने से कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं फैलने लगी।
हाल में ही एक रिसर्च हुई इसके अनुसार कुछ चीजे खाने से पेट के कैंसर का खतरनाक कभी नहीं हो सकता है। जो कि चौकाने वाला रिसर्च है। जानिए इस रिसर्च में क्या आया सामने...
ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही गरीब सुविधाहीन महिलाओं की मदद करने के लिए फंड इकठ्ठा करने के मकसद से चीयर्स टू लाइफ फाउंडेशन ने स्ट्रैंड लाइफ साइंसेस के सहयोग से 'द पिंक ब्रंच' पहल की शुरुआत की।
कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं रही और अगर इसका समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज को नया जीवन मिल सकता है। एक बार फिर ऐसे फल की चर्चा जोरों से है। जिसको खाने से कुछ ही मिनटों में आपको कैंसर से निजात मिल जाएगा।
सोयाबीन उत्पाद जैसे सोया दूध व पनीर और सब्जियां जैसे बंदगोभी, पत्तागोभी और हरी फूलगोभी यानी ब्रॉकली खाने से ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
ज्यादातर महिलाओं के लिए मैमोग्राम करवाना अभी भी महत्वपूर्ण है, लेकिन उच्च जोखिम श्रेणी की महिलाओं के लिए साल में एक बार मैमोग्राम्स कराने की बजाए हर छह महीने पर डीसीई-एमआरआई कराना ज्यादा बेहतर होगा।
अमेरिकी एफडीए ने शुक्रवार रात उनकी बायोसिमिलर दवा ट्रैस्टिजमाब को अनुमति प्रदान कर दी है। इस दवा का व्यवसायिक नाम ओगिवरी है।
फूजीफिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और पीयरलेस अस्पताल ने फूजीफिल्म की आधुनिकतम एम्युलेट इनोवलिटी मशीन अस्पताल में लगाने के लिए आपसी सहयोग की घोषणा की है।
भारत में एक साल में करीब 1,44,000 नए स्तन कैंसर के रोगी सामने आ रहे हैं। गलत जीवनशैली और जागरूकता की कमी के चलते भारत में स्तन कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जानिए लक्षण, बचाव और कारण...
अगर किसी महिला को अपने अंदर ये लक्षण दिखें, तो वह वह समझ लें कि उसे हार्ट अटैक आने वाला है। जिससे कि वह पहले से ही सचेत हो जाएं।
ज्यादातर महिलाएं स्तन कैंसर को लेकर चिंतित रहती हैं, लेकिन बड़ी तादाद में महिलाओं की मौत कैंसर की तुलना में हार्ट अटैक से होती है। भारत में हृदय रोग महिलाओं का नंबर वन दुश्मन है। हम सभी को समाज में इस तथ्य के बारे में मिलकर जागरूकता फैलानी चाहिए।
एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें मरीज उस हालात में होता है जब जिंदगी और मौत के बीच फासले कम होते हैं। आम बोल चाल की भाषा में इसे लेट स्टेज कैंसर कहते हैं। जहां डाक्टरों के पास भी करने को बहुत कुछ नहीं बचा होता है। जानिए इसके बारें में...
इंडिया में महिलाओं में कैंसर के मामलों में 27 प्रतिशत मामले ब्रेस्ट कैंसर के हैं। इस तरह की परेशानी 30 वर्ष की उम्र के शुरुआती वर्षो में होती है, जो कि 65 साल तक हो सकती है. जानिए इससे बचने के उपायों के बारें में...
प्रेग्नेंसी के दौरान लिया गया अधिक मात्रा में वसायुक्त आहार लेने से खतरनाक बीमारियां हो जाती है। जो कि आने वाली पीढियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला ग्रुप बी स्ट्रेप जिवाणु नवजातों में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है और जो नवजातों में सेप्सिस या निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों होने का खतरा पैदा करता है।
अगर महिलाएं इस बात को समझ जाएं कि उनके जीन उन्हें कैंसर होने की पूरी तरह भविष्यवाणी नहीं कर सकते। उन्हें अपने जीवनशैली में बदलाव लाना होगा, जिससे वे इस घातक बीमारी से बच सकती हैं।
शोध की रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि 2020 तक हर साल करीब 76,000 भारतीय महिलाओं की मौत हो सकती है। शोध में कहा गया है कि यह भारत में आम तौर पर महिलाओं में होने वाले कैंसर में से एक है।
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