Brahmos Missile: भारत इंडोनेशिया को एंटी शिप वैरिएंट ब्रह्मोस मिसाइल बेचने जा रहा है। दोनों देशों के बीच इस साल के आखिर तक यह सौदा हो सकता है।
पाकिस्तान की सीमा के पार जाकर गिरी भारत की मिसाइल का मामला चर्चा में बना हुआ है। जानिए मिसाइल मामले की जांच में किस अधिकारी पर शक की भूमिका की जांच हो रही है।
संसद की एक समिति ने फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति का सौदा करने के मामले पर सरकार से सिफारिश की है कि देशी स्तर पर हथियारों को ज्यादा से ज्यादा बेचने के आॅर्डर हासिल करना चाहिए।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि बीएपीएल ने फिलीपीन के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ 28 जनवरी, 2022 को पोतरोधी ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।
भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के अपडेट वर्जन का सफल परीक्षण किया है। ओडिशा के बालासोर तट से इस इस मिसाइल को दागा गया। डिफेंस सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।
अधिकारियों ने सौदे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्मोस सौदे पर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है।
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, “भगवान न करे अगर युद्ध छिड़ गया तो सेना इससे कैसे निपटेगी, अगर उसके पास हथियार नहीं हैं। हमें सावधान और सतर्क रहना होगा। हमें तैयार रहना है। हमारे रक्षा मंत्री ने भारतीय सड़क कांग्रेस में भाग लिया था और कहा था कि सेना को आपदा प्रतिरोधी सड़कों की जरूरत है।”
चीन विरोधी देशों को भारत एक-एक कर नई मिसाइलों से लैस कर उन्हें ताकतवर बनाने की नीति पर काम कर रहा है, इस तरह से भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीनी खतरे को जड़ से समाप्त करने के प्रयास में लगा हुआ है।
ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल का आज नौसेना ने सफल परीक्षण किया। नौसेना की तरफ से बंगाल की खाड़ी में आईएनएस रणविजय से इस मिसाइलको प्रक्षेपित किया गया।
भारत, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर कई रणनीतिक स्थलों पर पहले ही काफी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती कर चुका है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में बृहस्पतिवार को स्वदेश निर्मित लेजर गाइडेड इंटी टैंक मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। उन्होंने बताया कि मिसाइल का पिछले दस दिनों में इस तरह का दूसरा सफल परीक्षण था।
भारत ने चीन से तनाव के बीच ओडिशा स्थित एक प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने कहा कि यह मिसाइल कई स्वदेशी विशिष्टताओं से लैस है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ब्रह्मोस मिसाइल को रूस और भारत ने मिलकर बनाया है, इसलिए रूस की सहमति न होने से यह मिसाइल किसी भी तीसरे देश को नहीं दी जा रही थी। अब रूस ने इस मिसाइल के निर्यात की अनुमति दे दी है।
भारत ने दो ब्रह्मोस मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण 21 और 22 अक्टूबर को किया है।
भारतीय प्रणोदन प्रणाली से लैस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का ओडिशा के चांदीपुर से आज सवेरे सफलतापुर्वक परीक्षण किया गया।
ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीईओ सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा है कि 500 किलोमीटर तक की बढ़ी हुई रेंज के साथ स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल का उन्नत संस्करण तैयार है।
बाद सरकार ने 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस करने की प्रक्रिया तेज करने का फैसला किया है।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया।
पाकिस्तान चीन से सुपरसोनिक मिसाइल खरीद सकता है, जोकि लागत प्रभावी होने के साथ-साथ भारत और रूस द्वारा विकसित ब्रह्मोस मिसाइल से बेहतर है।
संपादक की पसंद