केरल हाई कोर्ट के पूर्व जज वी चिताम्बरेश ने ब्राह्मण समुदाय को लेकर जुलाई 2019 में बयान दिया था। अब उनके बयान को गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है। फैक्ट चेक में पता चला कि पूर्व जज का वायरल किया जा रहा बयान भ्रामक है।
मायावती ने कन्नौज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा की सरकारों में ब्राह्मणों का शोषण बंद नहीं हुआ। चाहे कानपुर मंडल की बात की जाए या कन्नौज की बात की जाए। अभी भी शोषण हो रहा है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है।
राहुल गांधी को 'जनेऊ' (पवित्र धागा) पहने हुए और यह दावा करते हुए देखा गया है कि वह कश्मीरी ब्राह्मण हैं। हालांकि, इस 'ब्राह्मण डीएनए' दावे का खंडन करते हुए कांग्रेस ने राजस्थान से एक भी ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है, जिससे समुदाय के कई नेता नाराज हैं।
24 में धर्मचक्र घूम रहा है.. जाति को साध रहा है...बम-बम बोल रही है काशी.. मोदी हैं प्रत्याशी..काशी में जाति चलेगी या मोदी की बात चलेगी?
कांग्रेस ने इस बार आठ ब्रह्मणों समेत उच्च जाति के 15 प्रत्याशियों को टिकट दिया था। उच्च जाति वर्ग के केवल दो कांग्रेस उम्मीदवार- राघवेंद्र सिंह और अटल श्रीवास्तव चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी देरी है, लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ब्राह्मणों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिख रहे हैं। ब्राह्मणों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। जानिए क्या है वजह?
पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर भी लगातार कैम्पेन चल रहा है कि एनसीपी ब्राह्मण विरोधी है। एनसीपी विधायक अमोल मिटकरी के ब्राह्मणों को लेकर दिए एक बयान से भी ब्राह्मण समाज में बहुत नाराजगी है।
बीजेपी के केंद्र सरकार में ब्राह्मण मंत्रियों, सांसद और विधायक प्रबुद्ध ब्राह्मण समाज के लोगों से घर-घर जा कर मुलाकात करेंगे, छोटे बड़े सम्मेलन करेंगे।
सपा नेता ने बताया कि प्रत्येक जिले में समाजवादी पार्टी के टिकट पर एक या दो ब्राह्मण मैदान में होंगे। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से पूर्वी यूपी में अधिक से अधिक ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि जिस वर्ग के नेताओ ने भाजपा को खड़ा करने में अपनी महती भूमिका निभायी है , उन वर्गों का यह कैसा सम्मान…? भाजपा के नेता सत्ता के नशे व अहंकार में चूर हो गये है।
सतीश चंद्र मिश्रा ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण व अनुसूचित जाति का गठजोड़ बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगा।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी शुरू कर दी है. दिलचस्प बात यह है कि पार्टी चाहे कोई भी हो, इस बार उनका निशाना 'ब्राह्मण और दलित वोट बैंक' है।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश का दलित वोट अब बहुजन समाज पार्टी के साथ नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के साथ है।
यूपी में आगामी चुनाव से पहले ब्राह्मणों पर सियासत तेज़ है और आज BSP नेता सतीश चंद्र मिश्र ने भी योगी सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि योगी राज में ब्राह्मण सुरक्षित नहीं हैं। इसी मुद्दे पर देखिये मुक़ाबला अजय कुमार के साथ।
सतीश मिश्रा ने कहा कि बसपा के शासनकाल में बतौर मुख्यमंत्री मायावती ने भारी संख्या में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां ब्राह्मणों को देकर उनके सम्मान को बढ़ाया था।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सपा,कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी अब सॉट हिन्दुत्व की राह में चलने की कोशिश में लगी है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में ब्राह्मणों को सत्ता का गणित समझाते हुए कहा कि बीएसपी के शासन में राम मंदिर बनकर तैयार होगा।
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बसपा ने एक बार फिर से ब्राम्हण कार्ड खेला है। इस बार पार्टी ने इसे ब्राह्मण सम्मेलन की बजाए प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी का नाम दिया है।
कर्नाटक की 6 करोड़ जनसंख्या में से करीब तीन फीसदी ब्राह्मण समुदाय की है। राज्य में ब्राह्मण विकास बोर्ड द्वारा शुरू की गई ये दोनों योजनाएं कांग्रेस सरकार द्वारा साल 2013 में शुरू की गई शादी भाग्य स्कीम की तर्ज पर है, जिसके तहत गरीब अल्पसंख्यक परिवारों से आने वाली महिलाओं की शादी के लिए 50,000 रुपये की मदद की जाती थी।
अन्नाद्रमुक के 36 वर्षीय दलित विधायक ए. प्रभु की वास्तविक जीवन की प्रेम कहानी किसी फिल्म के क्लाइमैक्स की तरह मालूम पड़ती है क्योंकि उनके द्वारा अपनी 19 वर्षीय प्रेमिका से शादी रचाने के बाद से सनसनी फैल गई है।
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