लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। लवलीना ओलंपिक मुक्केबाजी प्रतियोगिता फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रही थी लेकिन विश्व चैंपियन बुसेनाज ने उनका सपना तोड़ दिया।
भारत की लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने बुधवार को टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली से 0-5 से हारकर कांस्य पदक जीता। दो बार की विश्व और एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता लवलीना ने सर्वसम्मति के फैसले से तीनों राउंड में हार का सामना किया, जिससे खेलों में अपना पहला कार्यकाल कांस्य के साथ समाप्त हुआ।
हरियाणा के लिये पिंकी रानी जांगड़ा (51 किग्रा), नीरज (60 किग्रा) और पूजा रानी (81 किग्रा) ने पहला स्थान हासिल किया।
लवलिना बोरगोहेन 69 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में नहीं जा सकीं। लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) को अंतिम चार में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। 21 साल की लवलीना को वेल्टरवेट सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की चेन निएन चिन के खिलाफ 0-4 से हार का मुंह देखना
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