क्या आपने कभी सोचा है कि आपको गिलास में पानी पीना चाहिए या बोतल में पानी पीना चाहिए? अगर नहीं, तो आपको भी जान लेना चाहिए कि इन दोनों ऑप्शन्स में से किसे चूज करना आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है। इस ट्रेंड ने लोगों पर ऐसा जादू कर दिया है कि अब हर कोई इस नए ट्रेंड पर रील बना रहा है।
सोशल मीडिया पर कई बार हम ऐसे वीडियो देख लेते हैं। जिन्हें देख हमें अपनी आंखों पर यकीन नहीं होता। ऐसे ही लोगों को हैरान कर देने वाला वीडियो एक बार फिर से वायरल हो रहा है।
लोकल मैनुफैक्चरर ने भारतीय बाजार में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सरकारी हस्तक्षेप से घरेलू कंपनियों को सालाना आधार पर अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और छह महीने के भीतर रोजगार के 25,000 मौके पैदा होंगे।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला शैंपेन की बॉटल को खोलने की कोशिश कर रही है। पर बोतल खुल नहीं रही। थोड़ी देर बाद जब बोतल खुली तो सीधा महिला के मुंह पर गिरी।
कोल्ड ड्रिंक तो आप सबने पी होगी। लेकिन क्या आपने उस बोतल के ढक्कन को कभी गौर से देखा है? इसके ढक्कन में गोल रबर क्यों लगा होता है? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है?
कर्ट को ज्यादा से ज्यादा कमाने की चाह थी, और यही वजह है कि उन्होंने स्थानीय लाइब्रेरी में जाकर बिजनस से जुड़ी किताबें पढ़ीं, और स्टॉक मार्केट के बारे में अच्छी-खासी जानकारी जुटा ली।
Plastic wastage: क्या आप सोच सकते हैं कि आपके घर से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे में हीरा छुपा हो सकता है..? शायद आपको इस बात पर कभी भरोसा नहीं हो, लेकिन यह सच है। वैज्ञानिकों ने घर से निकलने वाले कचरे पर किए गए अपने एक शोध में इसे सही साबित कर दिखाया है।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर और बांस की बनी पानी की बोतलें पेश की। इन उत्पादों को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने तैयार किया है।
प्लास्टिक कूड़े के खिलाफ लड़ाई में साथ देते हुए भारतीय रेलवे देश भर के 2,000 रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक बोतल नष्ट करने वाली मशीनें स्थापित करेगा।
ब्रिटेन ने प्रदूषण से निपटने के लिये प्लास्टिक की बोतलों पर उपभोक्ताओं से शुल्क वसूलने की योजना बनाई है।
जब भी हम कोई दवा खरीदने जाते हैं तो हम अक्सर लिक्विड दवाओं को प्लास्टिक की बोतलों में ही पाते है। प्लास्टिक की बोतलों में यह दवाएं सेफ हैं या नहीं इस पर उठे सवाल के बाद केंद्र सरकार ने इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से इसकी डिटेल स्टडी रिपोर्ट मांगी
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