जो लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि मोदी को गठबंधन की सरकार चलाने का अनुभव नहीं है, ये वैसी ही बात है, जब उनके पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर कहा गया था कि उन्हें विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है।
Rajat Sharma Blog : मोदी के मंत्रिमंडल का स्वरूप कैसा होगा, कितने मंत्री शपथ लेंगे, किस पार्टी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी, कौन-कौन से मंत्रालय दिए जाएंगे, इन सब बातों पर जेपी नड्डा के घर पर शुक्रवार को NDA के सहयोगियों के साथ बात हुई।
राष्ट्रपति भवन में मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई है। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेहमानों के लिए कुर्सियां लग गई हैं। मोदी रविवार नौ जून को शपथ लेंगे, जिसमें कई पड़ोसी देशों के राजनेता उपस्थि रहेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, बंगाल, यूपी, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में उनका एलायंस शानदार प्रदर्शन करेगा।
पाकिस्तान में मेरे चुनावी शो की आजकल खूब चर्चा हो रही है। वहां के लोगों को यह खास शो खूब पसंद आ रहा है। हैरानी की बात ये है कि मोदी ने इस इलेक्शन शो में पाकिस्तान की खिंचाई की, वहां के हालात को लेकर तीखे कमेंट किए। पाकिस्तान के लोगों को मोदी का अंदाज़-ए-बयां पंसद आया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस राम मंदिर का विरोध करती है, समान नागरिक संहिता के खिलाफ है, क्योंकि कांग्रेस देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीया) लागू करना चाहती है। हिमाचल और पंजाब की रैलियों में मोदी ने कांग्रेस पर देश में शरीया लागू करने के मंसूबे पालने का इल्जाम लगाया।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को संपन्न हो गई। अभी अगले चार चरणों में मतदान होना बाकी है। इस बीच, वोट जिहाद का प्रचार प्रसार खूब तेजी से हो रहा है। जानिए क्या है पीएम मोदी के खिलाफ वोट जिहाद?
ED को मंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी के नौकर जहांगीर के घर पर नोटों का पहाड़ मिला। इतने नोट थे कि उन्हें गिनने के लिए ED को बैंकों कैश गिनने की मशीनें मंगानी पड़ी। दोपहर तक नोट गिनते गिनते मशीनें गर्म होने लगी। दो मशीनें खराब हो गईं। इसके बाद, बैंक से नोट गिनने की और बड़ी मशीन मंगानी पड़ीं।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेठी की बजाय रायबरेली से नामांकन का पर्चा भरा है। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वे अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे। बड़ा सवाल ये है कि नेता मतदाताओं से सच्चाई क्यों छिपाते हैं?
लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरणों का मतदान खत्म हो चुका है और अभी मतदान के पांच चरण और बाकी हैं। इस बीच चुनाव में फेक वीडियो का मामला भी सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी चुनाव में डीप फेक के इस्तेमाल पर चिंता जताई। लोगों से सावधान रहने को कहा।
ये सही है कि मोदी ने अपनी चुनावी सभा में खुलकर मुसलमानों का जिक्र किया पर वास्तव में मुसलमान शब्द का इस्तेमाल मोदी ने सिर्फ राजस्थान की रैली में किया था। इसके बाद मोदी बार-बार ये कह रहे हैं कि कांग्रेस पिछड़ों का आरक्षण छीन कर अपने चहेतों को देना चाहती है।
सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस के गले की फांस बन गया जिसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी से लेकर जयराम रमेश तक, सबने इस मुद्दे पर सफाई देने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोज एक के बाद एक जिस तरह से कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं, उसके बाद चुनाव कैम्पेन का रूख का पलट गया है। चुनाव प्रचार में बाजी कैसे पलटनी है, ये कोई मोदी से सीखे।
प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से कांग्रेस को घेरा और जिस मुद्दे पर घेरा, उसकी कल्पना कांग्रेस के नेताओं को नहीं थी, इसलिए परेशानी तो दिख रही है, लेकिन जवाब नहीं मिल रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरोहा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो भगवान राम और कृष्ण हमारे आराध्य हैं, करोड़ों हिंदुओं की जिनमें आस्था है, कांग्रेस बार बार उनके अस्तित्व को नकारती है।
ED ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया था और कोर्ट को बताया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर अपनी सेहत खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोणार्क के सूर्य मंदिर सहित देश भर में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां सूर्य की किरणें सीधे भगवान की मूर्ति पर पड़ती हैं। नोट करने की बात ये है कि जिस तरह अयोध्या के राम मंदिर में ये काम वैज्ञानिक संस्थानों की मदद से हुआ, हजारों साल पहले भी भारत में इसी तरह की वैज्ञानिक सोच उपलब्ध थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संविधान, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के हकों का रक्षा कवच है, संविधान देश की प्रगति को दिशा देने वाली शक्ति है, संविधान के साथ खिलवाड़ तो कांग्रेस ने किया, बीजेपी ऐसा कभी नहीं कर सकती।
पीएम मोदी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, वे भविष्य में पछताएंगे क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले पैसे में पारदर्शिता लाने हेतु अच्छी नीयत से बनाई गई थी।
असल में विरोधी ये बात समझ नहीं पाए हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार में माहिर हैं। गलती से भी किसी विरोधी नेता ने मोदी को सामने फुल टॉस फेंकी तो वे मौके पर चौका लगाने में जरा नहीं चूकते।
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