वैसे तो यूपी में सिर्फ दस विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, लेकिन यूपी में सियासी माहौल जम्मू कश्मीर और हरियाणा से भी ज्यादा गर्म है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच ज़बरदस्त जुबानी जंग हो रही है। जानिए क्यों हो रही जुबानी जंग?
राष्ट्रपति ने किसी एक घटना के बारे में, किसी एक राज्य के बारे में कमेंट नहीं किया। उन्होंने तो पूरे देश में महिलाओं पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई।
ममता आज छात्रों का प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही नबान्न भवन पहुंच गईं थीं और पुलिस को सख्त निर्देश था कि मुख्यमंत्री के कार्यालय तक एक भी प्रदर्शनकारी न पहुंच पाए।
दुख की बात तो ये है कि हमारे देश में ज्यादातर राजनीतिक दलों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म पर रिएक्ट नहीं किया। लगता है कि हिंदुओं की बात करेंगे, तो कहीं मुसलमान उनसे नाराज़ न हो जाएं।
अभिषेक बनर्जी ये गिनती गिनाकर नहीं बच सकते कि पिछले 10 दिन में देश भर में बलात्कार की 900 घटनाएं हुई। उन्हें अभी याद आया कि देश में सख्त कानून की जरूरत है?
एक लड़की ने अपने दादा जी की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार में जाने से पहले एक वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो अब खूब वायरल हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज विस्तार से सभी पक्षों की बातें सुनी, और राज्य सरकार को जम कर फटकार लगाई। कोर्ट को विस्तार से बताया गया कि कैसे क्राइम सीन पर सारे सबूतों को इरादतन मिटाया गया ताकि दरिंदों को बचाया जा सके।
22 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस के उन नेताओं को जवाब जरूर मिल जाएगा जो बार-बार पूछ रहे थे कि अब CBI बताए कि उसने पांच दिन की जांच में क्या किया? क्या पता लगाया? कोलकाता पुलिस की जांच में कौन सी खामियां देखीं?
डॉक्टरों और पब्लिक को लगता है पहले इस केस को ढंकने छुपाने की कोशिश हुई,फिर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश की गई और फिर सबूत मिटाने की कोशिश की गई।
कल रात की घटना के बारे में कमिश्नर साहब कह रहे हैं कि डॉक्टरों को बचाने में पुलिस फोर्स ने जान लगा दी लेकिन जिन डॉक्टरों ने कल रात भीड़ के तांडव को देखा, उन्होंने कहा कि पुलिस तो कहीं थी ही नहीं।
संदीप घोष पर सवाल उठने की एक नहीं, कई वजहें हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के तौर पर उन्होंने इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की, हत्या को आत्महत्या का रंग देने की कोशिश की।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि एक से ज्यादा लोग इस अपराध में शामिल थे। इस केस में ये भी लगा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश हुई।
बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने शेख हसीना को डबल क्रॉस किया। जब उन पर यकीन करके शेख हसीना ने अपनी रैली कैंसिल कर दी, उसके बाद सेना ने जमात-ए-इस्लामी के लोगों को शहर में एंट्री दे दी।
कांग्रेस ने 2013 में वक्फ एक्ट में जो बदलाव किए, वक्फ बोर्ड को जो ज्यादा अधिकार दिए, उसका असर ये हुआ कि वक्फ की प्रॉपर्टीज की संख्या 4 लाख 69 हजार से बढ़कर 8.5 लाख से ज्यादा हो गई।
डॉक्टर्स को अंदाजा था कि इससे विनेश का वजन डेढ़ किलो तक बढ़ेगा लेकिन विनेश का वजन दो किलो सात सौ ग्राम तक बढ़ गया। इसी से सारी दिक्कत हो गई।
कम से कम 34 मंदिरों पर हमला किया गया, 4 मंदिरों को जला दिया गया, 39 जिलों में हिन्दुओं के घरों में लूटपाट की गई। कई घरों में आग लगा दी गई। दो हिन्दू काउंसलर्स की हत्या कर दी गई। भारत सरकार ने इस बात पर सबसे ज्यादा चिंता जताई है।
शेख हसीना ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ एक्शन लिया लेकिन जमात ने छात्र नेताओं को सामने कर दिया। इन सारे छात्र नेताओं के तार कट्टर इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हैं। इन संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पैसे देती है।
अगर मोदी ने अपनी सरकार को समर्थन देने वालों को खुश किया तो इसमें बुराई क्या है? क्या कोई अपनी सरकार को समर्थन देने वालों को नाराज करने का प्रयास करेगा?
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने विपक्ष पर करारा तंज कसा, उन्होंने कहा कि, पिछली बार ढाई घंटे तक उनकी आवाज़ को दबाने का प्रयास किया गया, लोकतांत्रिक परम्पराओं में इसका कोई स्थान नहीं को सकता और इन सब को लेकर (विपक्ष के मन में) पश्चाताप तक नहीं है।
पुलिस को ये बताने की जरूरत नहीं होती कि जिस मोबाइल फोन से वीडियो शूट किया गया हो उसे फॉरेन्सिक जांच के लिए जब्त किया जाता है। पुलिस ने ऐसा करने के बजाए वीडियो को CD पर ट्रांसफर लिया और फोन से वीडियो डिलीट कर दिया गया।
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