मैंने कई बार आपको दिखाया है कि असामाजिक तत्व बयानों को अपने हिसाब से इंटरप्रेट करते हैं, लोगों को उनके गलत मतलब समझाते हैं।
दिल्ली पुलिस ने जिन धाराओं में केस दर्ज किया है, उनमें पुलिस स्टेशन से जमानत नहीं मिलेगी, कोर्ट ही जाना पड़ेगा।
तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 17 साल 6 महीने और अधिकतम उम्र सीमा 21 साल होगी।
अगर काज़ी खुद ही वकील बन जाएगे, खुद ही पैरवी करेंगे, खुद ही जज बनकर फैसला करेंगे तो फिर क्या कहा जा सकता है।
पाकिस्तानी नेताओं के शातिराना ट्वीट्स का भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने करारा जवाब दिया।
RSS प्रमुख ने कहा, हमारा संगठन किसी भी प्रकार की पूजा पद्धति का विरोध नहीं करता और उन सभी को पवित्र मानता है।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के तुरंत बात इसकी जिम्मेदारी कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने फेसबुक पर ली थी।
KCR को यकीन है कि ‘इमाम-ए-ज़ामिन’ उनकी रक्षा करता है और वह जिस काम से जाते हैं, वह पूरा हो जाता है।
सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद यासीन मलिक को दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि पुराने स्मारकों की उचित देखभाल में काफी फंड की जरूरत होती है।
मोदी ने कई बड़ी जापानी कंपनियों के CEOs से भी मुलाकात की, जिनमें सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन, NEC कॉरपोरेशन, फास्ट रिटेलिंग और सॉफ्टबैंक कॉरपोरेशन शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नागेंद्र पांडे ने स्वागत किया।
नरेंद्र मोदी ने आंखों की रोशनी खो चुके एक मजबूर पिता और अपने पापा के लिए डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली बेटी का दर्द महसूस किया।
1951 में पंजाब हाई कोर्ट और 1959 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने IPC की धारा 124A को असंवैधानिक करार दिया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि देश के दुश्मन हिंसा फैलाने और भाईचारा खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।
भीड़ इतनी ज्यादा है कि कई तीर्थयात्रियों को टेंट तक नसीब नहीं हो रहा है और उन्हें खुले में रात बितानी पड़ रही है।
एक डीएसपी के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की टीम ने बग्गा को उनके घर से सुबह 8.30 बजे के करीब उठा लिया।
अपने एक भाषण में मोहम्मद शाकिफ ने कहा कि इस साल रामनवमी के दौरान हुए दंगों की पहले से प्लानिंग की गई थी।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे आमने-सामने हैं, और मुकाबला इस बात का है कि कौन बड़ा 'हिंदुत्ववादी' है।
ध्यान देने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में किसी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की गई।
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