जांच इस बात की होनी चाहिए कि क्या इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम ने ट्रेन चालक को गुमराह किया? जिस ट्रेन को मेन लाइन पर जाना था उसे ऐन वक्त पर लूप लाइन पर कैसे डाल दिया?
अश्विनी वैष्णव अगर नेता होते तो शायद वो भी पुराने रेल मंत्रियों की तरह इस्तीफा दे देते, लेकिन वह IAS अफसर रहे है, वह समस्याओं से भागने वालों में नहीं हैं।
मुझे लगता है कि मुद्दा ये नहीं है कि नेहरू जी को सेंगोल किसने दिया था? मुद्दा ये है कि 1947 में आजादी के वक्त नेहरू जी को सेंगोल क्यों दिया गया था?
मुझे लगता है कि संसद ने नए भवन के उद्घाटन को मुद्दा बनाने की दो बड़ी वजहें हैं। पहली, मोदी विरोध। जो जो पार्टियां मोदी से परेशान हैं, अब 2024 तक हर छोटी बड़ी बात पर, मोदी विरोध के नाम पर, हम साथ साथ हैं का ऐलान करती रहेंगी।
नोट करने वाली बात यह है कि ऐसी गालियों से कांग्रेस को कभी फायदा नहीं हुआ, उल्टा बीजेपी ने इसका शोर मचा कर कांग्रेस को बार-बार नुकसान पहुंचाया।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के केस को असदुद्दीन ओवैसी ने हिन्दू-मुसलमान का रंग देने की कोशिश की।
तीनों शूटर्स की अतीक से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं है, उनका कोई लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास नहीं है जिसके जरिए पुलिस उनके बारे में कुछ पता लगा सके।
अतीक की मौत के बाद अब वे लोग जो पहले उसके गैंग के सदस्य थे और संपत्तियों पर कब्जा जमाने में उसकी मदद करते थे, खुद को ऐसे प्रोजेक्ट कर रहे हैं जैसे वो अतीक के सताए हुए हैं।
योगी आदत्यनाथ ने साफ कर दिया है कि वह राजनीतिक हमले झेल लेंगे लेकिन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कमी नहीं आएगी।
बहुत से लोग पूछ रहे हैं कि बात-बात पर गोली चलाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीक पर फायरिंग कर रहे हत्यारों पर फायरिंग क्यों नहीं की?
दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में घुसते ही अब बड़े से बड़े माफिया की पैंट गीली हो जाती है।
अतीक को करीब दो हफ्ते पहले उमेश पाल की किडनैपिंग के केस में पेशी के लिए प्रयागराज इसी तरह लाया गया था।
नरेंद्र मोदी की सरकार की नीति मे झुकने की गुंजाइश नहीं है, इसीलिए अब देश के गृह मंत्री ने उसी जगह पर जाकर चीन को जवाब दिया, जिस पर वह दावा जता रहा है।
गुलाम नबी आजाद ने पहली बार खुलासा किया कि सोनिया गांधी इसलिए डरी हुई थीं क्योंकि बीजेपी की कुछ महिला नेताओं ने उन्हें पीएम बनाए जाने पर उनका विरोध करने का फैसला किया था।
गुलाम नबी आज़ाद ने ‘आप की अदालत’ में कई खुलासे किए। आज़ाद ने इस बात पर अफसोस जताया कि कैसे राहुल गांधी ने 'मोदी को गाली' देने की रणनीति अपनाकर 9 साल बर्बाद कर दिए।
नेताओं की गिरफ्तारी न हो, गिरफ्तारी हो तो तुरंत बेल मिले, अगर बेल न मिले तो नेताओं को जेल के बजाए घर में हाउस अरेस्ट रखा जाए, कोई भी अदालत यह आदेश कैसे दे सकती है?
बीजेपी का दावा है कि राहुल ने OBC समाज का अपमान किया और कांग्रेस का कहना है कि BJP राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से घबरा गई। असल में दोनों जानते हैं कि इन बातों का राहुल के मामले और उनकी सदस्यता जाने से कोई लेना देना नहीं है।
समाजवादी पार्टी के दो सांसद एस टी हसन और शफीकुर रहमान बर्क ने सवाल उठाया है कि बुधवार को नवरात्रि के लिए संसद में अवकाश क्यों घोषित किया गया । उन्होंने कहा, अगर हिंदू नववर्ष की छुट्टी दी जाती है तो रमजान की भी छुट्टी होनी चाहिए, जो दो दिन बाद आता है ।
जब पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अजनाला थाने का घेराव किया, पुलिसकर्मियों को घायल किया और अपने साथियों को छुड़ाया, तब पंजाब सरकार क्यों सो रही थी? अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई करने में पंजाब पुलिस को एक महीना लग गया।
अमृतपाल सिंह सिर्फ 30 साल का है, और पिछले साल अगस्त में ही दुबई से भारत लौटा है। ऐसा कैसे संभव है कि सिर्फ 7 महीने में उसने हथियार भी जमा कर लिए, अपना नेटवर्क भी फैला लिया?
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