ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में जिस तरह से पूजा शुरू हुई, उसको लेकर मौलानाओं में जो नाराज़गी है, वो समझी जा सकती है। उनके यहां भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो आक्रामक हैं, जिनको समझाना मुश्किल होगा।
दिल्ली के एक रेस्टोरेंट का ढोकला चाट लोगों के गुस्से का शिकार हो गया। दरअसल, इस ढोकले चाट को मिठी दही में एक स्वीट डिश की तरह केक जैसा बनाया गया था।
मुझे इस बात को लेकर कोई गिला नहीं कि ललन ने झूठ बोला या तेजस्वी ने गलत बयानी की। जनता जानती है कि इस तरह की बातें करना इन सबकी आदत है। मेरी शिकायत इस बात से है कि इन दोनों ने पत्रकारों पर लांछन लगाया। इन्होंने अखबारों और मीडिया चैनल्स पर निहायत ही घटिया आरोप लगया।
क़तर की गुप्तचर एजेंसी स्टेट सिक्यूरिटी ब्यूरो ने पिछले साल अगस्त में कतर की एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को जासूसी के इल्जाम में गिरफ्तार किया था।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने से पहले अयोध्या में एक छोटा राम मंदिर बनाने का ही प्लान था लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट में रामलला की जीत हुई, तो मंदिर के मूल डिजाइन में बदलाव किया गया।
जिस दिन बृजभूषण ने कहा था कि दबदबा कायम रहेगा, उसी दिन मैंने कहा था कि वक्त बदलते देर नहीं लगती, ये अहंकार ज्यादा वक्त नहीं रहेगा, बेटियों के आंसू बेकार नहीं जाएंगे।
बृजभूषण और उनके परिवार के किसी सदस्य पर फेडरेशन का चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गई लेकिन इसके बाद भी बृजभूषण बहादुर पहलवान बेटियों पर हंसते नजर आए।
अपनी गलतियों के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराना राहुल गांधी की आदत हो गई है। वो कैसे कह सकते हैं कि MPs के सस्पेन्शन पर मीडिया में चर्चा नहीं हुई? खूब हुई।
विरोधी दल बड़ी संख्या में सांसदों के सस्पेंशन को मुद्दा बना रहे थे, सरकार पर तानाशाही का इल्जाम लगा रहे थे, लोगों की सहानुभूति भी विपक्ष के साथ थी, लेकिन अब इस हरकत ने सारा गुड़ गोबर कर दिया।
चूंकि सरकार के कई महत्वपूर्ण विधेयक लम्बित हैं, सरकार जल्द से जल्द ये सारे बिल पास करवाना चाहती है और विपक्ष सरकार को वॉकओवर देने को तैयार नहीं है।
मुझे लगता है संसद में जो हंगामा हुआ और उसके बाद जो निलम्बन हुआ, दोनों की जरूरत नहीं थी। इससे बचा जा सकता था।
जिस संसद भवन की दर्शक दीर्घा तक पहुंचने के लिए सुरक्षा के तीन-तीन स्तरों से गुजरना पड़ता है, जहां कोई पेन, सिक्का और मोबाइल तक नहीं ले जा सकता, वहां 2-2 शख्स गैस कैनेस्टर्स लेकर कैसे पहुंच गए?
भजन लाल शर्मा बीस साल से संगठन में काम कर रहे थे, चार बार प्रदेश के महामंत्री रहे, लेकिन सिर्फ इस आधार पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, इसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी।
1947 में जम्मू-कश्मीर रियासत का जब भारत में विलय हुआ, उसके बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देना एक अस्थायी व्यवस्था थी क्योंकि तब वहां युद्ध जैसे हालात थे।
कांग्रेस के नेताओं ने अपने चेहरे पर ये जो कालिख लगाई है वो तो धोने से उतर जाएगी लेकिन कांग्रेस के चेहरे पर हार की जो कालिख लगी है, उसके दाग इतनी जल्दी नहीं मिटेंगे।
नोट करने वाली बात ये है कि अब तक जितने क़त्ल हुए हैं, उसमें उन्हीं दहशतगर्दों की मौत हुई है जिनका भारत में हुए हमलों में बड़ा रोल रहा है।
DMK के नेताओं को अगर ये लगता है कि सनातन का अपमान करके, गौमाता का मजाक उड़ाकर, वो गीता और गायत्री के देश में पनप पाएंगे तो वो गलतफहमी में हैं।
कर्नाटक जीतकर कांग्रेस ने जो गुब्बारा फुलाया था, उसकी हवा रविवार को निकल गई। कोई कांग्रेस को अंहकारी बता रहा है, तो कोई उसे नाकारा कह रहा है।
हरदीप पुरी ने कहा कि ट्रुडो जिस तरह से आंतकवादियों को पनाह दे रहे हैं, उनका समर्थन करते हैं, उससे तो लगता है कि खालिस्तान अगर कभी बने, तो कनाडा में ही बनना चाहिए।
पीएम मोदी ने अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की बात की और विजयादशमी पर प्रत्येक देशवासी से 10 संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 साल बाद, अब भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है।
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