पुलवामा जिले के डिप्टी कमिश्नर बशीर-उल हक चौधरी ने कहा कि इस बार कश्मीरी आवाम का जोश देखने लायक है।
राष्ट्रीय फलक पर इस समय विपक्षी खेमे में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व है, और यह खेमा नीतीश कुमार के हर कदम को गौर से देख रहा है।
बिहार के सियासी खेल में कितने पेंच हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक करियर में कितनी बार सीएम पद की शपथ ली।
श्रीकांत त्यागी ने सियासत की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी जॉइन करके की थी, और बाद में तब वह BSP में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य का करीबी हो गया था।
हम सिलसिलेवार ढंग से समझने की कोशिश करते हैं कि AJL की संपत्ति सोनिया और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली यंग इंडियन को कैसे दी गई।
बांग्लादेश से लगते असम के धुबरी, करीमगंज, दक्षिण सलमारा और कछार जिलों में मुसलमानों की आबादी में 30 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हो गया है।
अमेरिका के ऐनालिस्ट यह दावा कर रहे हैं कि जो बायडेन ने अगले चुनाव में अपनी रेटिंग सुधारने के लिए जवाहिरी को मारने का ग्रीन सिग्नल दिया।
मुझे लगता है कि ड्रग्स का मसला ऐसा है जिसके खिलाफ सरकार और विपक्ष को मिलकर लड़ना चाहिए।
मुझे लगता है कि अगर अधीर रंजन चौधरी सीधे-सीधे माफी मांग लेते तो यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनता।
अपराधियों के खिलाफ ऐक्शन के साथ-साथ उन पुलिसवालों की भी पहचान होनी चाहिए जो इस तरह के काले कारनामे करने वालों को संरक्षण देते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान कुछ विपक्षी नेताओं ने बयान दिया था कि मुर्मू बोल नहीं सकतीं, लेकिन हिंदी में उनका भाषण ऐसे दावों को झुठला देता है।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजीरवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से 'फर्जी' है।
Rajat Sharma Blog: मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा आने के बाद द्रौपदी मुर्मू से उनके घर जाकर मुलाकात की और उन्हें जिस तरह से सम्मानित किया, वह देखने लायक था।
मोहम्मद जुबैर पर आरोप हैं कि उसने नूपुर शर्मा के बयान को इश्यू बनाया, प्लानिंग करके फैलाया और लोगों की भावनाओं को भड़काया।
पाकिस्तानी नागरिक रिजवान की गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि नूपुर की जान के दुश्मन अब मुल्क के भीतर ही नहीं, सरहद के पार भी हैं।
कांग्रेस अपने आप को सबसे बड़ा विरोधी दल कहती है लेकिन उसका साथ देने वाली पार्टियां भी द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का विरोध करने से कतराने लगीं।
अगर PFI का बैकग्राउंड देखें, पिछले कुछ साल में इनकी हरकतें देखें तो लगता है कि यह खतरा जितना हम सोच सकते हैं उससे भी बड़ा है।
शुक्रवार को होने वाले संसद सत्र को रद्द कर दिया गया क्योंकि संसद भवन से कई किलोमीटर दूरी तक हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को श्रीलंका में व्याप्त अराजकता और कई राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही मुफ्त सुविधाओं के आलोक में देखा जाना चाहिए।
यह सही है कि चीजों की कीमतें बढ़ी हैं, बेरोजगारी की दर भी बढ़ी है, लेकिन कोरोना के कारण पूरी दुनिया में यह दिक्कत है।
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