कुल मिलाकर कहें तो ब्लैक फंगस से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। हर शख्स को इससे सावधान रहने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत Notifiable disease में अधिसूचित करें और सभी केस रिपोर्ट किए जाएं।
ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एम्स ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें आप ब्लैक फंगस की पहचान और इसका इलाज कर सकते हैं।
ऐसे कोरोना मरीज जिनका शुगर कंट्रोल नहीं रहता, कैंसर का भी उपचार करा रहे हों, अन्य किसी रोग के लिए स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक दवा का ज्यादा मात्रा में सेवन कर रहे हों या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों, उन्हें ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा रहता है।
ब्लैक फंगस का खतरा खासतौर पर किडनी, कैंसर, लो इम्यूनिटी, डायबिटीज, आईसीयू, अधिक स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों तो अधिक खतरा है। ब्लैक फंगस की समस्या से निजात पाने के लिए समय पर इलाज के साथ योग और प्राणायाम काफी कारगर हो सकता है।
विशेषज्ञों से जानिए घातक ब्लैक फंगस से खुद को कैसे बचाएं। केंद्र ने आज कोविड से संक्रमित सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन गाइडलाइन क्यों बदले। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
कोरोना वायरस से संक्रमित जो लोग डायबिटीज के शिकार है और स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल करने से भी हो सकता है। इसके अलावा इन लोगों को ब्लैक फंगस का खतरा।
कोरोना के संक्रमण क साथ-साथ ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोविड से रिकवर हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण आंखों की रोशनी तक चली जाती हैं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अब तक म्यूकोर मायकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 34 मरीज भर्ती हुए हैं।
आंध्र प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 21,000 से अधिक मामले सामने आये जबकि लगभग इतने ही मरीज संक्रमण मुक्त हुये । प्रदेश में मंगलवार को महामारी के कारण 98 लोगों की मौत हो गयी।
मध्य प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 77 और व्यक्तियों की मौत हुई है जबकि प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 7,069 हो गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी के 5,921 नए मामले सामने आए।
मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के 120 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं लेकिन इनके इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों के कथित रूप से बाजार में उपलब्ध नहीं होने के चलते तीमारदारों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मुजफ्फरनगर का एक 59 वर्षीय मरीज मेरठ में म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस से मरने वाला पहला व्यक्ति बन गया है। वो हाल ही में कोविड से ठीक हुए थे। पिछले सप्ताह चार रोगियों में शुरू में खतरनाक फंगस रोग के लक्षण पाए गए थे और सप्ताहांत तक यह संख्या बढ़कर छह हो गई।
कोरोना का इंफेक्शन ख़त्म होने के बाद भी कई तरह की परेशानियां लंबे समय तक रह सकती हैं जिनमें ब्लैक फंगस भी एक है। कोरोना से ठीक होने के बाद किन बातों का रखें ध्यान? जानिए डॉक्टर्स से।
'ब्लैक फंगस' एक ऐसा गंभीर रोग है जो कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में ये बीमारी अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसे म्यूकरमाइकोसिस भी कहा जाता है।
योगी सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण के उपरान्त ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस चेहरे नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है। इससे आंख सहित चेहरे का बड़ा भाग नष्ट हो जाता है...
कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों में 'ब्लैक फंगस' तेजी से फैल रहा है। अगर समय रहते इसका पता नहीं लग पाता तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।
कोरोना महामारी से जारी जंग के बीच में एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। देश में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस की बीमारी तेजी से फैल रही है। कई राज्यों में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि कोरोना को हरा चुके कुछ लोग इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
काला फंगस दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद में भी प्रवेश कर चुका है ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। काला फंगस कोरोना इलाज के दौरान अधिक स्टेरॉयड लेने से होता है।
रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V आज हुआ लॉन्च, अगले सप्ताह से बाजार में होगी उपलब्ध। यूपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र में कोविड मरीजों में फैल रहा घातक म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस)। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
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