कोरोना के संक्रमण क साथ-साथ ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोविड से रिकवर हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण आंखों की रोशनी तक चली जाती हैं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अब तक म्यूकोर मायकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 34 मरीज भर्ती हुए हैं।
आंध्र प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 21,000 से अधिक मामले सामने आये जबकि लगभग इतने ही मरीज संक्रमण मुक्त हुये । प्रदेश में मंगलवार को महामारी के कारण 98 लोगों की मौत हो गयी।
मध्य प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 77 और व्यक्तियों की मौत हुई है जबकि प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 7,069 हो गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी के 5,921 नए मामले सामने आए।
मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के 120 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं लेकिन इनके इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों के कथित रूप से बाजार में उपलब्ध नहीं होने के चलते तीमारदारों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मुजफ्फरनगर का एक 59 वर्षीय मरीज मेरठ में म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस से मरने वाला पहला व्यक्ति बन गया है। वो हाल ही में कोविड से ठीक हुए थे। पिछले सप्ताह चार रोगियों में शुरू में खतरनाक फंगस रोग के लक्षण पाए गए थे और सप्ताहांत तक यह संख्या बढ़कर छह हो गई।
कोरोना का इंफेक्शन ख़त्म होने के बाद भी कई तरह की परेशानियां लंबे समय तक रह सकती हैं जिनमें ब्लैक फंगस भी एक है। कोरोना से ठीक होने के बाद किन बातों का रखें ध्यान? जानिए डॉक्टर्स से।
'ब्लैक फंगस' एक ऐसा गंभीर रोग है जो कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में ये बीमारी अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसे म्यूकरमाइकोसिस भी कहा जाता है।
योगी सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण के उपरान्त ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस चेहरे नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है। इससे आंख सहित चेहरे का बड़ा भाग नष्ट हो जाता है...
कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों में 'ब्लैक फंगस' तेजी से फैल रहा है। अगर समय रहते इसका पता नहीं लग पाता तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।
कोरोना महामारी से जारी जंग के बीच में एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। देश में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस की बीमारी तेजी से फैल रही है। कई राज्यों में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि कोरोना को हरा चुके कुछ लोग इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
काला फंगस दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद में भी प्रवेश कर चुका है ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। काला फंगस कोरोना इलाज के दौरान अधिक स्टेरॉयड लेने से होता है।
रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V आज हुआ लॉन्च, अगले सप्ताह से बाजार में होगी उपलब्ध। यूपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र में कोविड मरीजों में फैल रहा घातक म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस)। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 8,087 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 7,16,708 तक पहुंच गयी।
महाराष्ट्र के पुणे जिले में म्यूकरमाइकोसिस के करीब 270 मामले आने के बाद सरकार के एक कार्यबल ने अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की है।
साउथ दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन सिलंडर की कालाबाजारी करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों युवक कैट्स एम्बुलेंस में काम करते है। गिरफ्तार युवक पवन एक ट्रेनेड हेल्थ वर्कर है और वह कैट्स एम्बुलेंस में मरीजों को अस्पताल ले जाने वाली ऑक्सीजन की कालाबाजारी करता था।
उत्तराखंड पुलिस ने कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा अन्य जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पर रोक लगाने में जनता का सहयोग लेने के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया है।
कानपुर पुलिस आयुक्तालय की अपराध शाखा ने ऑक्सीजन ब्लैक-मार्केटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया और 51 सिलेंडर बरामद किए। इस सिलसिले में शहर के गोविंद नगर इलाके में गैस एजेंसी के मालिक को गिरफ्तार किया गया है।
इनकम टैक्स विभाग ने झारखंड में छापेमारी की है। विभाग ने 20 से ज्यादा जगहों पर रेड्स की है। ये ग्रुप शेल कंपनियों के जरिए काली कमाई कर रहा था।
होल्डिंग ने पिछले साल इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज के दौरान नस्लवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दिया था।
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