कोरोना महमारी के बीच ब्लैक फंगस भी धीरे-धीरे पूरे देशभर में पांव पसार रहा है। देशभर में इस बीमारी ने अबतक साढ़े पांच हजार लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।
ब्लैक फंगस से पीड़ित लोगों के लिए ICMR ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं। इसमें बताया गया है कि कहां कहां सावधानी बरतने की जरूरत है।
ब्लैक फंगस के चार गुना ज्यादा खतरनाक व्हाइट फंगस है। यह शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाता है।
कोरोना महमारी के बीच ब्लैक फंगस भी धीरे-धीरे पूरे देशभर में पांव पसार रहा है। देशभर में इस बीमारी ने अबतक साढ़े पांच हजार लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि ब्लैक फंगस 2 कारणों से हो रहा है, पहला ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ना और दूसरा स्टेरॉयड की वजह से इम्युनिटी का कम होना
कोरोना महमारी के बीच ब्लैक फंगस भी धीरे-धीरे पूरे देशभर में पांव पसार रहा है। देशभर में इस बीमारी ने अबतक साढ़े पांच हजार लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।
लो इम्यूनिटी के कारण आप कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य संक्रामक रोगों के शिकार हो सकते हैं। इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट के साथ करें इस हर्बल जूस का सेवन।
कोरोना वायरस महामारी के बीच म्यूकोर्मिकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के तेजी से मामले बढ़ते जा रहे है। जिसे सरकार ने राज्यों से महामारी घोषित करने को कहा है।
एम्स के टॉप डॉक्टर ने बताया, ब्लैक फंगस की कैसे करें जल्द पहचान। केंद्र ने आज सभी राज्यों से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए क्यों कहा। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है और कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने कई मरीजों की जान ले ली है। दिल्ली में विशेष रूप से ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि साफ-सुथरे मास्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो यह समस्या हो सकती है।
दिल्ली में एक दिन में कोविड-19 के 3,231 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 233 और लोगों की मौत के बाद शहर में इससे जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 22,579 हो गई।
ब्लैक फंगस के बाद वाइट फंगस के मरीज भी सामने आए हैं, आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।
कुल मिलाकर कहें तो ब्लैक फंगस से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। हर शख्स को इससे सावधान रहने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत Notifiable disease में अधिसूचित करें और सभी केस रिपोर्ट किए जाएं।
ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एम्स ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें आप ब्लैक फंगस की पहचान और इसका इलाज कर सकते हैं।
ऐसे कोरोना मरीज जिनका शुगर कंट्रोल नहीं रहता, कैंसर का भी उपचार करा रहे हों, अन्य किसी रोग के लिए स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक दवा का ज्यादा मात्रा में सेवन कर रहे हों या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों, उन्हें ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा रहता है।
ब्लैक फंगस का खतरा खासतौर पर किडनी, कैंसर, लो इम्यूनिटी, डायबिटीज, आईसीयू, अधिक स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों तो अधिक खतरा है। ब्लैक फंगस की समस्या से निजात पाने के लिए समय पर इलाज के साथ योग और प्राणायाम काफी कारगर हो सकता है।
विशेषज्ञों से जानिए घातक ब्लैक फंगस से खुद को कैसे बचाएं। केंद्र ने आज कोविड से संक्रमित सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन गाइडलाइन क्यों बदले। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
कोरोना वायरस से संक्रमित जो लोग डायबिटीज के शिकार है और स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल करने से भी हो सकता है। इसके अलावा इन लोगों को ब्लैक फंगस का खतरा।
कोरोना के संक्रमण क साथ-साथ ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोविड से रिकवर हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण आंखों की रोशनी तक चली जाती हैं।
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