कोरोना वायरस महामारी के बीच म्यूकोर्मिकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के तेजी से मामले बढ़ते जा रहे है। जिसे सरकार ने राज्यों से महामारी घोषित करने को कहा है।
एम्स के टॉप डॉक्टर ने बताया, ब्लैक फंगस की कैसे करें जल्द पहचान। केंद्र ने आज सभी राज्यों से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए क्यों कहा। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है और कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने कई मरीजों की जान ले ली है। दिल्ली में विशेष रूप से ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि साफ-सुथरे मास्क का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो यह समस्या हो सकती है।
दिल्ली में एक दिन में कोविड-19 के 3,231 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 233 और लोगों की मौत के बाद शहर में इससे जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 22,579 हो गई।
ब्लैक फंगस के बाद वाइट फंगस के मरीज भी सामने आए हैं, आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।
कुल मिलाकर कहें तो ब्लैक फंगस से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। हर शख्स को इससे सावधान रहने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत Notifiable disease में अधिसूचित करें और सभी केस रिपोर्ट किए जाएं।
ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एम्स ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें आप ब्लैक फंगस की पहचान और इसका इलाज कर सकते हैं।
ऐसे कोरोना मरीज जिनका शुगर कंट्रोल नहीं रहता, कैंसर का भी उपचार करा रहे हों, अन्य किसी रोग के लिए स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक दवा का ज्यादा मात्रा में सेवन कर रहे हों या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों, उन्हें ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा रहता है।
ब्लैक फंगस का खतरा खासतौर पर किडनी, कैंसर, लो इम्यूनिटी, डायबिटीज, आईसीयू, अधिक स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों तो अधिक खतरा है। ब्लैक फंगस की समस्या से निजात पाने के लिए समय पर इलाज के साथ योग और प्राणायाम काफी कारगर हो सकता है।
विशेषज्ञों से जानिए घातक ब्लैक फंगस से खुद को कैसे बचाएं। केंद्र ने आज कोविड से संक्रमित सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन गाइडलाइन क्यों बदले। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
कोरोना वायरस से संक्रमित जो लोग डायबिटीज के शिकार है और स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल करने से भी हो सकता है। इसके अलावा इन लोगों को ब्लैक फंगस का खतरा।
कोरोना के संक्रमण क साथ-साथ ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोविड से रिकवर हो चुके लोगों को ब्लैक फंगस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण आंखों की रोशनी तक चली जाती हैं।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अब तक म्यूकोर मायकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 34 मरीज भर्ती हुए हैं।
आंध्र प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 21,000 से अधिक मामले सामने आये जबकि लगभग इतने ही मरीज संक्रमण मुक्त हुये । प्रदेश में मंगलवार को महामारी के कारण 98 लोगों की मौत हो गयी।
मध्य प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 77 और व्यक्तियों की मौत हुई है जबकि प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 7,069 हो गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी के 5,921 नए मामले सामने आए।
मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के 120 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं लेकिन इनके इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों के कथित रूप से बाजार में उपलब्ध नहीं होने के चलते तीमारदारों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मुजफ्फरनगर का एक 59 वर्षीय मरीज मेरठ में म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस से मरने वाला पहला व्यक्ति बन गया है। वो हाल ही में कोविड से ठीक हुए थे। पिछले सप्ताह चार रोगियों में शुरू में खतरनाक फंगस रोग के लक्षण पाए गए थे और सप्ताहांत तक यह संख्या बढ़कर छह हो गई।
कोरोना का इंफेक्शन ख़त्म होने के बाद भी कई तरह की परेशानियां लंबे समय तक रह सकती हैं जिनमें ब्लैक फंगस भी एक है। कोरोना से ठीक होने के बाद किन बातों का रखें ध्यान? जानिए डॉक्टर्स से।
'ब्लैक फंगस' एक ऐसा गंभीर रोग है जो कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है। महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों में ये बीमारी अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसे म्यूकरमाइकोसिस भी कहा जाता है।
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