कई राज्य पहले ही म्यूकोरमायकोसिस को महामारी अधिनियम के तहत अधिसूचित बीमारी घोषित भी कर चुके हैं।
24 मई को म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस के रूप में भी जाना जाता है) के 2,281 पुष्ट मामलों के साथ, गुजरात भारत में इन मामलों के चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद 2,000 मामलों के साथ महाराष्ट्र का स्थान है। अकेले इन दो राज्यों में देश के सभी मामलों का 55 प्रतिशत हिस्सा है।
डॉक्टरों ने गुरुवार को खुलासा किया कि नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) में एक सीओवीआईडी -19 रोगी में सफेद कवक का अपनी तरह का पहला मामला, जो "पूरी आंत में" कई छिद्रों का कारण बनता है, दर्ज किया गया है।
कोरोना की वजह से होने वाले अन्य रोग बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में दुनिया का एक ऐसा पहला मामला सामने आया है जहां पर कोविड के बाद महिला को व्हाइट फंगस की वजह से छोटी और बड़ी आंत तथा फूड पाइप छेद हो गए। डॉक्टरों के सामने यह एक बड़ी चुनौती थी और इस चुनौती का सामना करने के बाद डॉक्टरों ने महिला का उपचार किया, अब महिला की हालत ठीक बताई जा रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों के बाद वर्धा की जेनटेक लाइफ साइंस ने ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले Amphotericin B Emulsion इंजेक्शन तैयार किया है।
कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशान है। देश में ही कोविड के लाखों मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन इस बीच अच्छी खबर यह है कि रिकवरी रेट काफी अच्छा है।
गुजरात में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) के मामले महिलाओं के मुकाबले पुरुषो में ज्यादा देखने को मिले हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार लो इम्यूनिटी के कारण ब्लैक फंगस शरीर के अंगों को अपना शिकार बना रहा है। इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले इम्यूनिटी को मजबूत करें।
सोशल मीडिया में फैले एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि फिटकरी, हल्दी, सेंधा नमक व सरसों के तेल से ब्लैक फंगस का इलाज किया जा सकता है। जानिए इस दावे की सच्चाई।
स्वामी रामदेव के अनुसार फंगस की समस्य़ा कमजोर लोगों को अधिक होता है। शरीर का ठीक ढंग से ख्याल ना रख पाने के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना योग और प्राणायाम करे। इससे आप हमेशा सेहतमंद रहेंगे।
भारत में मिले हजारों मामलों के बाद अब बांग्लादेश के सतखीरा से ब्लैक फंगस का पहला केस दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। इस बीच ब्लैक फंगस ने भी सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया है, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसकी जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी है।
महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस (Mucormycosis) से अभी तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में इसके कुल 2113 केस मिले हैं, जिनमें से 1780 का अलग-अलग अस्पतालों में अभी उपचार चल रहा है और 213 मरीज ठीक हो चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से म्यूकोर्मिकोसिस के 5,424 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इन 4,556 रोगियों में COVID19 संक्रमण का इतिहास है।
चक्रवात यास के असर से ओडिशा में तेज़ हवाएं और बारिश हो रही है। चक्रवात यास 26 मई को दोपहर में बालासोर के पास पारादीप और सागर द्वीप को पार करने की संभावना है: IMD
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को अधिकारियों से समय से स्थिति का मूल्यांकन करने, अस्पतालों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए जरूरी दवाओं की जरूरत की समीक्षा करने एवं ‘तत्काल उसकी उपलब्धता’ सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘कई मरीज घर पर इलाज करा रहे हैं। वे ऑक्सीजन थेरेपी पर नहीं थे लेकिन उनमें भी म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण देखा गया। इसलिए ऑक्सीजन थेरेपी और इस संक्रमण का सीधा संबंध नहीं है।’’
ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस ने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। गाजियाबाद में येलो फंगस के एक मरीज में पुष्टि की गई है। डॉक्टरों ने बताया कि 45 वर्षीय जिस मरीज में येलो फंगस मिला है वह पहले कोरोना संक्रमित हो चुका है और इस समय डायबिटीज से भी पीड़ित है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में काला कवक या म्यूकरमाइकोसिस (Black Fungus) के करीब 500 मामले हैं और महानगर में इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कमी है।
कम प्रतिरक्षा वाले लोग म्यूकोर्मिकोसिस, कैंडिडा और एस्पोरोजेनस संक्रमण से संक्रमित होते हैं। ये कवक मुख्य रूप से साइनस, नाक, आंखों के आसपास की हड्डी में पाए जाते हैं और मस्तिष्क में प्रवेश कर सकते हैं। कभी-कभी फेफड़ों (फुफ्फुसीय श्लेष्मा रोग) या जठरांत्र संबंधी मार्ग में पाया जाता है: डॉ रणदीप गुलेरिया, एम्स
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