सिर्फ बिटकॉइन में ही बड़ी गिरावट नहीं आई बल्कि सभी क्रिप्टो करेंसी में गिरावट दर्ज की गई। इथर में भी करीब पांच फीसदी की गिरावट शुक्रवार को आई।
अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं?
रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कई बार राय व्यक्त कर चुका है। वह इसे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर मानता है।
सरकार से पूछा कि क्या सरकार के पास देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में लोगों ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी लगा दी है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिए जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए थे और कहा था कि ये वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा है।
देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है।
पूर्व मंत्री ने सरकार से सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने और बिटकॉइन मामला प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई कों सौंपी जाने की मांग उठायी।
यह पहली बार है जब निवेशक न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में बिटकॉइन से संबंधित संपत्ति का व्यापार करने में सक्षम हुए हैं। इससे मीडिया और वित्तीय बाजारों में यह काफी चर्चा में है।
कॉइनस्विच ने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल वह घरेलू बाजार में क्रिप्टो का एक नाम बनाने के साथ-साथ देश में क्रिप्टो उद्योग के बारे लोगों को समझाने के लिए करेगी।
मुद्राओं की तरह उपयोग होने वाले डिजिटल करेंसी डेरिवेटिव सौदे अवैध वित्तीय गतिविधियां हैं और यह प्रतिबंधित है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है।
चीन के बिटकॉइन की माइनिंग पर सख्ती करने और क्रिप्टो करेंसीज की ट्रेडिंग पर बंदिशें लगाने से क्रिप्टो मार्केट में कुछ सप्ताह पहले काफी गिरावट आई थी।
केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कई वर्षों से चल रहा है। प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन के माध्यम से डिजिटल करेंसी ने बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल कर ली है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजॉन जल्द ही पेमेंट के तौर पर बिटक्वाइट या क्रिप्टोकरेंसी लेना शुरू करेगा।
कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सेबी और भारत में संचालन करने वाले, तथा खुदरा निवेशकों के लिये क्रिप्टो करेंसी के विज्ञापन देने वाले तीन क्रिप्टो-एक्सचेंजों को नोटिस जारी किया।
क्रिप्टोकरेंसीज की आसमान छूती कीमतों के बीच हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या भारत में हम बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जिसमें उनकी यूनिट को जनरेट करने और फंड के ट्रासंफर को वेरीफाई करने में एनक्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
फरवरी में टेस्ला इंक (Tesla Inc) ने कहा था कि उसने बिटक्वॉइन (Bitcoin) में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया था।
बिटकॉइन जैसी किप्टो करेंसी की चर्चा आज कल जोरों पर है। भारत में भी सरकार से इस पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने की मांग की जा रही है।
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